Browsing: 370-free Jammu Kashmir is India’s second independence

जम्मू-कश्मीर पर केंद्र सरकार के फैसले को भारत के अधिकांश मुसलमान अपने खिलाफ हमला मानते हैं। उनकी इस धारणा को बदलने के लिए कई कोशिशें हुईं, लेकिन वे कुछ हद तक ही कामयाब हो सकीं। देश-विदेश के मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने कई बार इस धारणा को पूरी तरह गलत बताया है। इन बुद्धिजीवियों के लेख अधिकांशत: अंग्रेजी में होते हैं, इसलिए वे आम मुस्लिमों तक नहीं पहुंच पाते हैं। आज के विशेष अंक में आजाद सिपाही दुनिया के दो प्रख्यात मुस्लिम बुद्धिजीवियों के विचारों को सामने रख रहा है, ताकि मुसलमान उन्हें पढ़े-गुनें और अपनी धारणा बदलें। ये दो मुस्लिम बुद्धिजीवी हैं तारिक फतह और जफर सरेशवाला। तारिक फतह पाकिस्तानी मूल के कनाडाई पत्रकार, लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता हैं।  वह मुस्लिम कनाडियन कांग्रेस के संस्थापक हैं और इसके प्रवक्ता रह चुके हैं। उनका लेख कनाडा की प्रसिद्ध साप्ताहिक पत्रिका ‘टोरंटो सन’ के ताजा अंक में प्रकाशित हुआ है। जफर सरेशवाला मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति और इस्लाम विचारक हैं। रेवती कृष्णन के साथ बातचीत पर आधारित उनका लेख चर्चित वेब पत्रिका ‘दि प्रिंट’ के नौ अगस्त के अंक में प्रकाशित किया गया है।