व्यक्तित्व में काबिलियत हो तो प्रसिद्धि खुद-ब-खुद चलकर दरवाजे पर दस्तक देती है। बीते वर्ष 29 दिसंबर को दूसरी दफा झारखंड की सत्ता संभालनेवाले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ यही हो रहा है। कोरोना काल में उनके कार्यों की गूंज अंतरराष्टÑीय स्तर तक पहुंची