झारखंड एक बार फिर चर्चा में है और यह चर्चा इसके उन माननीयों की वजह से हो रही है, जो सरकारी बंगले का मोह नहीं छोड़ रहे हैं। मंत्री बने, तो अपने नाम एक बंगला आवंटित करा लिया, उसमें लाखों-करोड़ों खर्च कर अत्याधुनिक सुविधाएं लगवा लीं, बंगले की खाली जमीन पर खेती करने लगे और गाय-भैंस का तबेला भी बनवा लिया। मंत्री पद से हटे, तो अब सरकारी बंगला खाली करने के लिए तैयार नहीं हैं। हाइकोर्ट में याचिका दायर कर दी या फिर अधिकारियों को ताकत दिखाने की चुनौती देने लगे।