नई दिल्ली:  चुनाव आयोग पांच राज्यों मे होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान केंद्रीय बजट पेश नहीं करने देने की मांग कर रहे राजनीतिक दलों के प्रतिवेदन पर विचार कर रहा है और वह शीघ्र ही इस पर निर्णय लेगा। मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने कहा कि विभिन्न राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग को केंद्रीय बजट को पेश करने के मुद्दे पर प्रतिवेदन दिया है जिसे केंद्र सरकार द्वारा संसद में एक फरवरी को पेश किये जाने की संभावना है और उसी समय पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं। उन्होंने इस बारे में पूछे जाने पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘आयोग को कुछ राजनीतिक दलों का एक प्रतिवेदन मिला है। यह प्रतिवेदन बजट पेश करने के संबंध है। आयोग उस पर गौर कर रहा है और वह उचित समय पर इस पर निर्णय लेगा।’’

कांग्रेस, वामदल, समाजवादी पार्टी और कुछ अन्य दलों ने चुनाव आयोग को प्रतिवेदन देकर उससे केंद्र सरकार को चुनाव प्रक्रिया के दौरान बजट नहीं पेश करने देने की दरख्वास्त की है क्योंकि संभवत: बजट की लोकलुभावन घोषणाओं से विधानसभा चुनावों में मतदाताओं पर असर पड़ सकता है।

धर्म के आधार पर वोट नहीं मांगने के उच्चतम न्यायालय के फैसले के आलोक में चुनाव आयोग की तैयारी के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि चार फरवरी को शुरू हो रहे उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर के विधानसभा चुनाव के दौरान शीर्ष अदालत के इस निर्णय के क्रियान्वयन में मदद के लिए अलग से दिशानिर्देश तैयार किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव आयोग का विधि विभाग उच्चतम न्यायालय के आदेश के आधार पर दिशानिर्देश तैयार कर रहा है। यह आदेश चुनाव आयोग के हाथों को और मजबूत करेगा। आयोग चाहता है कि सभी राजनीतिक दल खुद ही उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन करें।’’ जैदी ने यह भी कहा कि नोटबंदी के बाद इन चुनावों में कालेधन के इस्तेमाल में कमी आने की संभावना है लेकिन अन्य रूप में अवैध रूप से लालच देने का इस्तेमाल बढ़ सकता है।

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version