मुंबई:  बैंकों, डाकघरों में जमा कराए गए पुराने 500 और 1,000 रुपये के नोटों के बारे में अटकलों पर विराम लगाते हुए रिजर्व बैंक ने आज कहा कि वह जल्द से जल्द इनके आंकड़े जारी करेगा। केंद्रीय बैंक ने कहा कि वह बैंकों के पास भौतिक रूप में पहुंचे पुराने नोटों का अमान्य की गई मुद्रा से मिलान कर रहा है और उसके बाद वह जल्द से जल्द आंकड़े जारी कर देगा। रिजर्व बैंक ने विशेषीकृत बैंक नोट (एसबीएन) पर यह स्पष्टीकरण इन खबरों के बाद दिया है कि 30 दिसंबर तक बैंकों के पास 95 प्रतिशत से अधिक पुराने नोट वापस आ चुके हैं। पुराने नोट जमा कराने की यह आखिरी तारीख थी।

रिजर्व बैंक ने कहा कि विभिन्न हल्कों में जमा कराए गए पुराने नोटों के बारे में अनुमान लगाए जा रहे हैं। हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि समय-समय पर हमने जो आंकड़े जारी किए हैं वे देशभर में बड़ी संख्या में करेंसी चेस्ट पर लेखा प्रविष्टियों पर आधारित हैं। चूंकि अब नोटबंदी की योजना पूरी हो गई है ऐसे में आंकड़ों का उपलब्ध पुराने नोटों के साथ मिलान किया जा रहा है, जिससे संभावित लेखा गलतियों या दोहरी गिनती से बचा जा सके।

केंद्रीय बैंक ने स्पष्ट किया कि उसने पहले ही यह प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके पूरा होने तक यह नहीं बताया जा सकता कि बैंकिंग प्रणाली में कितने पुराने नोट लौटे हैं। रिजर्व बैंक ने कहा कि उसने इस प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने के लिए सभी कदम उठाए हैं। इन आंकड़ों को जल्द से जल्द जारी किया जाएगा। सरकार ने गत 9 नवंबर को 15.44 लाख करोड़ रुपये के 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को अमान्य घोषित कर दिया था। यह चलन में मौजूद कुल मुद्रा का 86 प्रतिशत है। समझा जाता है कि 30 दिसंबर को बंद हुई नोटबंदी की प्रक्रिया के दौरान बैंकिंग प्रणाली में 15 लाख करोड़ रुपये के पुराने नोट वापस आ चुके हैं।

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