रांची: झारखंड विधानसभा में 150 सहायकों की नियुक्ति की जांच कराने का आग्रह करनेवाली ईश्वर चंद जयसवाल की जनहित याचिका की सुनवाई झारखंड हाइकोर्ट में हुई। मामले में विधानसभा की ओर से बताया गया कि मामले की जांच हाइकोर्ट के सेवानिवृत जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद द्वारा की जा रही है।
जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद ने जांच पूरा करने के लिए अवधि विस्तार देने का आग्रह सरकार से किया है। उनके द्वारा कहा गया है कि अवधि विस्तार के बाद जांच पूरी हो सकेगी और सरकार और कोर्ट को जांच रिपोर्ट सौंपी जा सकेगी। कोर्ट ने मामले की सुनवाई आठ सप्ताह बाद निर्धारित की। बता दें कि जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद की अध्यक्षता वाली एक सदस्यीय कमेटी को जांच का जिम्मा सौंपा गया था। जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद द्वारा जून 2015 में जांच शुरू की गयी थी।
जांच एक साल में पूरी होनी थी। बाद में अवधि विस्तार के बाद दिसंबर 2017 में जांच पूरी होनी थी, जो अब तक पूरी नहीं हो पायी है। इससे पहले पूर्व न्यायाधीश लोकनाथ प्रसाद पूरे प्रकरण की जांच कर रहे थे। सरकार ने उन्हें नियुक्ति की जांच कर रिपोर्ट जमा करने का आग्रह किया था। लेकिन बाद में उनके द्वारा अपने पद से इस्तीफा दे दिया गया था। कोर्ट इस मामले की मॉनिटरिंग कर रही है।