रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सेवानिवृत्त होने वाले पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के तुरंत बाद सभी प्रकार के लाभ सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री जन संवाद में सीएम ने मंगलवार को सेवानिवृत्ति लाभ के लिए एक कर्मचारी के लगातार दौड़ने की शिकायत पर यह निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सभी विभाग और कार्यालय किसी कर्मचारी के रिटायर होने के दो साल पहले से कार्रवाई शुरू कर दें, ताकि रिटायरमेंट के दिन ही सभी प्रकार का लाभ दिया जा सके।

मुख्यमंत्री ने जनसंवाद में 16 शिकायतों का मौके पर ही निष्पादन किया। ज्यादातर मामले लंबित मानदेय एवं अन्य भुगतान से जुड़े थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह की छोटी-छोटी समस्याएं डीसी अपने स्तर से निपटायें। सीएम ने संबंधित विभाग के अधिकारी को एक सप्ताह के भीतर पेंशन का निर्धारण कर शिकायतकर्ता को भुगतान शुरू कराने का आदेश दिया।

भर्ती मरीज के लिए अस्पताल को राशि देने का निर्देश
जामताड़ा के लखन लाल मंडल हृदय रोग से ग्रसित हैं तथा वर्तमान में द मिशन हॉस्पिटल, दुगार्पुर में इलाजके लिए भर्ती हैं। मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी योजना के तहत इन्होंने अक्टूबर 2018 में सहायता राशि के लिए सिविल सर्जन कार्यालय, जामताड़ा में आवेदन दिया गया है। लेकिन, अबतक सहायता राशि नहीं मिली है। विभागीय सचिव ने जानकारी दी कि इलाज के लिए राशि उपलब्ध करा दी गयी है। इसपर मुख्यमंत्री ने उपायुक्त, जामताड़ा को यथाशीघ्र अस्पताल को राशि उपलब्ध कराने का आदेश दिया।

सरकार की इमेज खराब नहीं करें
सीधी बात में एक शिकायत रांची जिले से आयी थी। शिकायतकर्ता अरुण कुमार सिंह को वित्तीय वर्ष 2013-14 व 2014-15 में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की ओर से कराये गये कार्य की बकाया राशि का भुगतान नहीं हुआ है। विभागीय अधिकारी ने आवंटन नहीं होने की बात कही। कहा कि नगर निगम से राशि की मांगी गयी है। मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सरकार की इमेज खराब नहीं करें। बकाये का तुरंत भुगतान करें। इसके लिए नगर निगम से पत्रचार कर राशि प्राप्त करें।

अब तक 3.18 लाख शिकायतों का निष्पादन: वर्णवाल
मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुनील वर्णवाल ने कहा है कि अब तक मुख्यमंत्री जनसंवाद के माध्यम से तीन लाख 18 हजार शिकायतों का निष्पादन किया गया है। अब वृद्धावस्था पेशन, प्रधानमंत्री आवास योजना जैसे मामलों की शिकायत नहीं आ रही हैं। कुछ पुराने मामले, जिनमें अनुकंपा के आधार पर नौकरी, जमीन से संबंधित विवाद के मामले आ रहे हैं।

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