घाटशिला। धालभूमगढ़ में गुरुवार को एयरपोर्ट निर्माण के लिए मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भूमि पूजन किया। इस दौरान झारखंड सरकार तथा एयरपोर्ट अथॉरिटी आफ इंडिया के साथ एमओयू भी किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय नागर विमानन राज्य मंत्री, जयंत सिन्हा, राज्य के मंत्री सीपी सिंह, जमशेदपुर के सांसद विद्युतवरण महतो, घाटशिला के विधायक लक्ष्मण टुडू, जिला परिषद अध्यक्ष बुलु रानी सिंह उपस्थित थे।
डेमो मॉडल का प्रदर्शन: इस मौके पर हवाई अड्डे के निर्माण के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी आॅफ इंडिया द्वारा तैयार प्रस्तावित टर्मिनल बिल्डिंग के फ्लोर प्लान का प्रदर्शन बोर्ड पर किया गया। एयरपोर्ट अथॉरिटी आफ इंडिया द्वारा बनाये गये ब्लूप्रिंट (डेमो मॉडल) को भी प्रदर्शित किया गया। ब्लू प्रिंट में यह दिखाया गया है कि किस रूप में धालभूमगढ़ एयरपोर्ट का विकास होगा और उसके परिचालन एवं अन्य सुविधाएं किस रूप में विकसित की जायेंगी।
जनवरी 2021 से उड़ान शुरू हो जायेगी : एयरपोर्ट के बनने से फोरलेन सड़क एवं रेलवे स्टेशन से निकटता का फायदा होगा। आस पास से आने वाले यात्रियों को सुविधा होगी। साथ ही क्षेत्र के चहुंमुखी विकास के रास्ते खुलेंगे। टेंडर की प्रक्रिया अगस्त 2019 तक पूरी कर ली जायेगी। सितंबर 2019 से निर्माण कार्य शुरू होगा। 20 दिसंबर 2020 तक निर्माण कार्य पूरा होगा। जनवरी 2021 से उड़ान शुरू हो जायेगी।
डेढ़ साल में धालभूमगढ़ हवाई अड्डे से शुरू होगी हवाई यात्रा: रघुवर
घाटशिला। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि आज प्रतिदिन 30 हवाई जहाज देश के अन्य राज्यों के लिए भगवान बिरसा मुंडा की धरती से प्रतिदिन उड़ान भर रहे हैं। पिछले वर्ष 2018 में लगभग 25,50,000 यात्री हवाई जहाज से यात्रा किये। यह 4 साल की उपलब्धि है। झारखंड के लोगों की क्रय शक्ति बढ़ रही है। मुख्यमंत्री गुरुवार को धालभूमगढ़ एयरपोर्ट के विकास के लिए भूमि पूजन एवं एमओयू हस्ताक्षर कार्यक्रम में बोल रहे थे।
बोइंग, एयर बस यहां से उड़ान भरेंगे : धालभूमगढ़ ओड़िशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड तीन राज्यों के मिलन बिंदु पर अवस्थित है। निश्चित रूप से आने वाले समय में यह हवाई अड्डा देश का कॉमर्शियल हवाई अड्डा बनेगा। इसे ध्यान में रखकर प्रथम चरण में यह कार्य शुरू हो रहा है। द्वितीय चरण के लिए भी जिले के उपायुक्त को निर्देश दिया गया है। आने वाले वर्षों में यहां से बोइंग बस विमान भी उड़ान भरेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि द्वितीय चरण के लिए 55 एकड़ जमीन की आवश्यकता है।
जमीन देनेवालों को बाजार भाव का चार गुणा देगी सरकार, जमीन भी मिलेगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं आस पास की जनता से अनुरोध करूंगा कि 55 एकड़ जमीन जो देंगे, उन्हें बाजार मूल्य का 4 गुना पैसा सरकार देगी। इसके साथ साथ जमीन भी देंगे, ताकि अपना घर बना सके और अपना व्यापार एवं खेती भी कर सकें। उन्होंने कहा कि ऐसा हमने देवघर में किया। प्रधानमंत्री के हाथों पिछले वर्ष धनबाद में देवघर में बनने वाले अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का शुभारंभ किया गया। वहां 600 परिवारों को विस्थापन के साथ साथ पुनर्वास भी किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि विस्थापन हमारी सरकार में नहीं होगा। पहले पुनर्वास होगा फिर विस्थापन।