रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अपने इस कार्यकाल के आखिरी बजट में हर तबके को साधने का प्रयास किया है। बजट का मुख्य फोकस किसान, गरीब, ग्रामीण क्षेत्र और शिक्षा को रखा गया है। मुख्यमंत्री ने बजट पर कहा कि इस बजट में जन्म लेने वाले बच्चे से लेकर पेंशन भोगी वृद्धों तक का ख्याल रखा गया है। कहा कि सरकार सबका साथ सबका विकास के मूल मंत्र पर काम कर रही है। बजट को देखा जाये तो कृषि के क्षेत्र में पिछले बार की तुलना में काफी राशि की बढ़ोतरी की गयी है। आधे दर्जन से ज्यादा जनता से जुड़ी योजनाओं की शुरुआत की जा रही है।
कृषि बजट में 24.51 प्रतिशत का इजाफा
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार वर्ष 2016-17 से कृषि बजट अलग से पेश कर रही है। इस वर्ष कृषि बजट में सात हजार 231 करोड़ रुपये का प्रावधान है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 24.51 प्रतिशत ज्यादा है।
जेंडर बजट में 8.59 प्रतिशत की वृद्धि
राज्य सरकार द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष से राज्य की महिलाओं के समग्र विकास के लिए जेंडर बजट की व्यवस्था लागू की गयी। इस बजट में जेंडर बजट के लिए आठ हजार 898 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 8.59 प्रतिशत अधिक है। इसी प्रकार सरकार ने अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए भी पिछले वर्ष से ही अलग से बजट का प्रावधान किया है। इस वर्ष इसमें 27 हजार 142 करोड़ रुपये का प्रावधान है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 11.19 प्रतिशत अधिक है।
बच्चों के लिए लाया चाइल्ड बजट
राज्य सरकार ने इस वर्ष से चाइल्ड बजट का प्रावधान भी किया है। इसके तहत राज्य में बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण पर विशेष ध्यान देना है। सरकार ने चाइल्ड बजट का कुल आकार छह हजार 182 करोड़ रुपये निर्धारित किया है, जो कुल बजट का 11.82 प्रतिशत है।
किसान हों खुशहाल, सरकार का है पूरा प्रयास
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 28 लाख किसान पूरे तौर पर आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है। किसानों के बढ़ते कर्ज का बोझ आज सबसे बढ़ी समस्या है। इसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने किसानों को कृषि कार्य में आर्थिक सहायता देने के लिए मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना शुरू करने का निर्णय लिया है। इस योजना के तहत किसानों को पांच हजार रुपये प्रति एकड़ प्रति वर्ष सहायता दी जायेगी। इतना ही नहीं सरकार ने किसानों को स्मार्ट उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। धान अधिप्राप्ति के प्रत्येक क्विंटल पर किसानों को डेढ़ सौ रुपये का बोनस दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि राज्य के किसानों को बेहतर तकनीक की जानकारी देने के लिए 29-30 नवंबर को ग्लोबल एग्रीकल्चर एंड फूड समिट का आयोजन किया गया था। झारखंड को इस वर्ष चावल की श्रेणी में कृषि कर्मण पुरस्कार मिला है। सूखे की स्थिति से निपटने के लिए सुजलाम-सुफलाम योजना लागू करने का निर्णय लिया गया है।