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    Home»Breaking News»2239 करोड़ रुपये का तृतीय अनुपूरक बजट पेश
    Breaking News

    2239 करोड़ रुपये का तृतीय अनुपूरक बजट पेश

    azad sipahiBy azad sipahiJanuary 18, 2019Updated:January 18, 2019No Comments4 Mins Read
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    रांची। झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन शुक्रवार को सदन की कार्यवाही शांतिपूर्ण ढंग से चली। सदन की कार्यवाही पूरी चली, कहीं कोई शोरगुल या हंगामा नहीं हुआ। शून्यकाल, प्रश्नकाल, ध्यानाकर्षण, तारांकित प्रश्न सभी पर चचार्एं हुर्इं। सदन में भोजनावकाश के पूर्व सदन में प्रभारी संसदीय कार्यमंत्री के रूप में मंत्री अमर बाउरी ने 2239 करोड़ का तृतीय अनुपूरक बजट पेश किया। इससे पहले सदन शुरू होने के बाद विधायक इरफान अंसारी और कुणाल षाड़ंगी ने घटवार को एसटी दर्जा देने की मांग और हाइस्कूल शिक्षक नियुक्ति में बाहरी को चयनित करने की प्रक्रिया पर अविलंब रोक के लिए कार्यस्थगन की मांग की, जिसे स्पीकर ने अमान्य करार दे दिया। स्पीकर ने कहा कि प्रश्नकाल चलने देना चाहिए।

    विस्थापन और पुनर्वास को लेकर हुई बहस
    अल्पसूचित प्रश्न के तहत कोल एरिया में जमीन अधिग्रहण का मामला भाजपा विधायक ढुल्लू महतो और और बाटुल महतो ने उठाया। उन्होंने सरकार को रैयतों की चिंता करने की सलाह दी। इस पर 22 जनवरी को विभागीय मंत्री जवाब पेश करेंगे। इससे पहले मंत्री अमर बाउरी ने कहा कि यह जमीन केंद्र सरकार द्वारा अधिग्रहित की गयी थी। इसमें राज्य की भूमिका नगण्य है। इस पर स्टीफन मरांडी ने कहा कि राज्य की भूमिका नहीं है, ऐसे जवाब से रैयतों को न्याय कैसे मिलेगा। वहीं गोड्डा विधायक अमित महतो ने कहा कि प्रश्नकाल के दौरान पिछले सत्र में भी उनके सवाल का उत्तर नहीं मिल पाया था। तारांकित प्रश्नकाल में अशोक भगत ने महगामा में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का सवाल उठाया।

    ध्यानाकर्षण में विरंची नारायण ने की विस्थापन आयोग गठन की मांग
    सदन में शुक्रवार को विस्थापन और पुनर्वास का मुद्दा छाया रहा। ध्यानाकर्षण के दौरान भाजपा विधायक विरंची नारायण ने विस्थापन आयोग के गठन की मांग की। उन्होंने बोकारो स्टील प्लांट, डीवीसी, बीसीसीएल, टीवीएनएल और सीसीएल समेत राज्य भर की विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं में विस्थापित लोगों की नौकरी और पुनर्वास का मामला उठाया। कहा कि जिनकी जमीनऔने-पौने दाम ली गयी, यदि उन्हें पुनर्वास नहीं कर सकते, तो जमीन वापस की जाये। हजारो रैयतों के मामले लंबित पड़े हैं और ये दर-दर की ठोकरे खा रहे हैं। साथ ही सारे विस्थापन के मामलों की जांच की मांग की। इस पर मंत्री अमर बाउरी ने जवाब दिया कि 2013 में भारत सरकार द्वारा बनाये एक्ट को यहां 2015 में लागू किया गया है। इसमें तीन स्तर पर कमेटियां काम कर रही हैं। जल्द ही सारे मामलों का निष्पादन कर दिया जायेगा। मंत्री ने कहा कि यह पहली सरकार है जिसने विस्थापितों को जमीन का मालिकाना हक और स्वामित्व दिया है। इससे संबंधित प्रमाण पत्र दिये जा रहे हैं।

    राज्य की 30 फीसदी आबादी झेल रही विस्थापन का दर्द
    इस मामले में योगेंद्र महतो बाटुल ने कहा कि विस्थापन और पुनर्वास नीति का फिर से अध्ययन किये जाने की जरूरत है। राज्य में 30 फीसदी आबादी विस्थापन का दंश झेल रही है। है। विस्थापितों को अब तक मालिकाना हक नहीं मिला। इसके लिए एक फोरम बने, जहां विस्थापित स्वतंत्र रूप से अपनी बात रख सकें।
    22 को पेश होगा राज्य का बजट
    22 जनवरी को प्रश्नकाल के बाद वित्तीय वर्ष 2019-20 का बजट पेश किया जायेगा। 23 से 27 जनवरी तक सत्र नहीं रहेगा। 28 जनवरी को प्रश्नकाल के बाद मुख्यमंत्री का प्रश्नकाल होगा। बजट पर सामान्य वाद-विवाद। 29 जनवरी को प्रश्नकाल के बाद बजट पर सामान्य वाद-विवाद। 30 जनवरी को प्रश्नकाल के बाद बजट की अनुदान मांगों पर वाद-विवाद और सरकार का उत्तर एवं मतदान। 31 जनवरी को प्रश्नकाल के बाद अनुदान मांगों पर वाद-विवाद एवं सरकार का उत्तर तथा मतदान। एक फरवरी को प्रश्नकाल के बाद अनुदान मांगों पर वाद-विवाद, सरकार का उत्तर और मतदान। 2 एवं 3 फरवरी को अवकाश। 4 फरवरी को प्रश्नकाल के बाद मुख्यमंत्री का प्रश्नकाल। फिर अनुदान मांगों पर वाद-विवाद, सरकार का उत्तर एवं मतदान। 5 फरवरी को प्रश्नकाल के बाद विनियोग विधेयक पेश किया जायेगा। 6 फरवरी को प्रश्नकाल के बाद राजकीय विधेयक। 7 फरवरी को प्रश्नकाल के बाद राजकीय विधेयक एवं अन्य राजकीय कार्य होंगे। 8 फरवरी को नियमित कार्य के बाद गैर सरकारी संकल्प रखा जायेगा।

    मंत्री बाउरी से भी मांगे गये थे नौ लाख: सुखदेव
    कांग्रेस विधायक सुखदेव भगत ने छठी जेपीएससी मुख्य परीक्षा रद्द करने की मांग की। उन्होंने कहा कि 2013-14 में इस परीक्षा का फार्म भरा गया था, परंतु आज तक इसकी परीक्षा नहीं हो सकी। यह चिंता का विषय है। जेपीएससी की मनमानी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि छठी जेपीएससी को लेकर सदन द्वारा गठित कमेटी की अनुशंसा को भी मानने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि मंत्री अमर बाउरी भी जेपीएससी से प्रताड़ित हैं। उन्होंने भी परीक्षा दी थी। पर इसलिए चयनित नहीं हो सके कि उनसे नौ लाख रुपये मांगे गये थे। भगत ने कहा कि यह बात स्वयं मंत्री बाउरी ने उन्हें बतायी है। उनके पास इसका वीडियो भी है।

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