देवघर। सीएम रघुवर दास ने कहा कि विस्थापन का दर्द विरासत के रूप में मिला। 67 साल तक झारखंड ने विस्थापन का दंश झेला है। हमारी सरकार पहले पुनर्वास फिर विस्थापन का काम कर रही है। राजस्व विभाग को स्पष्ट निर्देश है कि बड़े विकास कार्य में विस्थापितों को उनकी जमीन का पट्टा दें। क्योंकि जमीन देने वाला भी जमीन का मालिक होना चाहिए। देवघर हवाई अड्डा विस्तारीकरण से विस्थापित हुए परिवारों को 50 लाख रुपये और मुफ्त जमीन दी जा रही है। उनके लिए टाउनशिप का निर्माण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री देवघर में हवाई अड्डा प्राधिकरण से विस्थापित परिवारों के लिए निर्मित टाउनशिप के निरीक्षण के बाद बोल रहे थे।

सीएम ने कहा कि संथाल परगना को विकसित करना मेरी प्राथमिकता में से है। देवघर अंतरराष्ट्रीय शहर बने यह सरकार की सोच है। सीएम ने कहा कि जैसे पलामू के लिए सोन से पानी की व्यवस्था हो रही है, उसी तरह साहेबगंज में भी गंगा का पानी लेकर संथाल में सिंचाई और पेयजल की सुविधा बहाल होगी।

वंशवाद में पैदा हुए लोग क्या जानें गरीबी : मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य निर्माण के बाद से राज्य के विकास पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। वंशवाद में पैदा लिये लोग गरीबों का दर्द क्या जानें। आपको ऐसे लोगों को करारा जवाब देना है। 67 साल तक आप के लिए क्या किया गया? क्यों नहीं आपके घरों तक बिजली पहुंची?

देवघर को मिलेगा इंजीनियरिंग कॉलेज : मुख्यमंत्री ने कहा कि देवघर में इंजीनियरिंग कॉलेज का शुभारंभ होगा। सरकार की योजना हर जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज प्रारंभ करने की है, लेकिन 14 साल के गड्ढे को भरने में वक्त लगता है। इसके लिए धैर्य की आवश्यकता है। इस मौके पर गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे, विधायक नारायण दास समेत अन्य उपस्थित थे।

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