रांची। विधानसभा में बुधवार को ग्रामीण विकास विभाग का वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए 6125 करोड़ रुपये से ज्यादा की अनुदान मांग पारित हुई। सरकार के जवाब से नाराज विपक्ष ने सदन का वहिष्कार किया। इससे पहले अनुदान मांग पर झाविमो विधायक प्रदीप यादव ने कटौती प्रस्ताव लाया था। कटौती प्रस्ताव खारिज हुआ। चर्चा का जवाब देते हुए ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि सड़कों के मामले में झारखंड सरकार तेजी से काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से पहले जहां प्रति दिन 1.55 किमी सड़क बनती थी, अब हर दिन 3.25 किमी सड़क का निर्माण हो रहा है। कहा कि वर्ष 2014 से पहले 7939 किमी पथों का मजबूतीकरण और चौड़ीकरण हुआ था। पिछले चार वर्षों में राज्य सरकार ने 4610 किमी सडकों का मजबूतीकरण और चौड़ीकरण कराया है। कहा कि रिंग रोड के सातवें फेज का काम पूरा हो गया है। फेज एक और दो का काम एनएचआइ को दिया गया है। इसकी भी निविदा हो गयी है और बहुत जल्द काम शुरू होगा। कहा कि मनरेगा में हर वर्ष मानव दिवस में वृद्धि हो रही है। सड़कों की मरम्मती के लिए बजट में अलग से राशि का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि 2020 तक राज्य में कोई बेघर नहीं रहेगा। हर गांव में मिनी जलाशय योजना शुरू होगी।
चार वर्षों में ग्रामीण क्षेत्र में हर तबके का हुआ है विकास : किशोर
सत्ता पक्ष के मुख्य सचेतक राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि पिछले चार वर्षों में राज्य के ग्रामीण क्षेत्र में हर तबके का विकास हुआ है। उन्होंने कहा कि यही वजह है कि राज्य में गरीबी रेखा से नीचे महज 40 प्रतिशत लोग रह गये हैं, जो वर्ष 2014 से पहले 70 प्रतिशत था। उग्रवाद को नियंत्रित किया गया। ग्रामीण क्षेत्र में प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि हुई। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत तीन लाख 63 हजार लोगों को आवास मुहैया कराया गया है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के माध्यम से सड़कों का जाल बिछाया गया है। सखी मंडल के माध्यम से महिलाओं का सशक्तीकरण किया गया है। चर्चा में नवीन जयसवाल, जोबा मांझी, आलमगीर आलम, भानु प्रताप शाही ने भी भाग लिया।