राहुल सिंह
रांची। झारखंड विकास मोर्चा के सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी अपने पुराने घर भाजपा में लौटेंगे? अब इसमें कोई संदेह नहीं रह गया है। सिर्फ और सिर्फ दिन और तारीख तय होना बाकी है। अभी तक की सूचना के अनुसार उन्हें भाजपा विधायक दल का नेता बनाया जायेगा। दिल्ली के सूत्रों पर अगर यकीन करें, तो बाबूलाल मरांडी के कारण ही भाजपा ने विधायक दल के नेता का चयन अभी नहीं किया है। दिल्ली के सूत्रों का कहना है कि बाबूलाल मरांडी के भाजपा में आ जाने से विधानसभा में पार्टी के विधायकों का परफॉरमेंस बेहतर हो जायेगा और भाजपा हर मोर्चे पर सरकार को घेरेगी। इसके पहले भाजपा के मुखिया रघुवर दास के रहने से झामुमो को एक एडवांटेज था कि वे हर जगह अपने लोगों के बीच यह कहकर भाजपा को बैकफूट पर धकेलते थे कि उनका मुख्यमंत्री बाहर का है।

भाजपा का मानना है कि बाबूलाल के पार्टी में आने से झामुमो और खासकर हेमंत सोरेन के हाथ से भाजपा पर प्रहार करने का अस्त्र निकल जायेगा। बाबूलाल की पहचान चूंकि पूरे झारखंड में है, इसलिए इनके सहारे भाजपा आदिवासियों के बीच अपनी खोयी प्रतिष्ठा को वापस पा सकती है। बता दें कि इस विधानसभा चुनाव में 28 आदिवासी सीटों में से भाजपा 26 पर चुनाव हार गयी। उसके खाते में सिर्फ दो सीटें खूंटी और तोरपा ही आ पायीं। एक सूचना यह भी है कि भाजपा बाबूलाल को पार्टी में कोई महत्वपूर्ण पद दे सकती है।। हालांकि ज्यादा संभावना यही है कि उन्हें भाजपा विधायक दल का नेता बनाया जायेगा और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पद पर किसी गैर आदिवासी को बैठाया जायेगा।

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