रांची। राज्य के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर दरोगा लालजी यादव सुसाइड केस की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। साथ ही उन्होंने पत्र की प्रति झारखंड के मुख्य सचिव और डीजीपी को भी भेजी है। मंत्री ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि जिन परिस्थितियों में दरोगा लालजी यादव ने आत्महत्या की है, उसे लेकर पूरे पलामू प्रमंडल एवं राज्य के अन्य जगहों में भ्रम की स्थिति है। स्थानीय अखबारों, सोशल मीडिया, सामाजिक संगठनों एवं राजनीतिक दलों में भी भ्रम की स्थिति बनी हुई है। सभी लोग अपने तरीके से विवादास्पद विचार व्यक्त कर रहे हैं।
मंत्री ने लिखा है कि पूर्व में घटित पलामू के नावाबाजार थाना कांड संख्या-32/2021 को भी इस मामले से जोड़कर देखा जा रहा है, साथ ही जिला परिवहन पदाधिकारी, पलामू द्वारा टेलिफोनिक अनुशंसा को भी इस पूरे घटनाक्रम से जोड़कर देखा जा रहा है। जिसके चलते आम लोगों में भ्रम एवं विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इसलिए इस पूरे प्रकरण का पटाक्षेप होना आवश्यक है।
मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि इस घटनाक्रम से उपजे विवाद एवं भ्रम की स्थिति समाज में स्पष्ट हो, इसलिए आवश्यक है कि दारोगा लालजी यादव आत्महत्या मामले के साथ-साथ नावाबाजार थाना कांड संख्या-32/2021 की उच्च स्तरीय जांच राज्य सरकार कराये। ताकि दारोगा लालजी यादव के परिजनों को न्याय मिल सके और जनता के सामने भी दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।
उल्लेखनीय है कि पलामू जिले के नावाबाजार के निलंबित थाना प्रभारी लालजी यादव ने बीते मंगलवार को आत्महत्या कर लिया था। बताया गया था कि छह जनवरी को पलामू के डीटीओ से उनकी बहस हुई थी। डीटीओ ने एसपी से शिकायत की थी। इसके बाद लालजी को निलंबित कर दिए गए थे। थाना प्रभारी की बाइक तथा मोबाइल गायब है। पलामू में उनके पक्ष में जनता सड़क पर उतरी जो उनकी कर्तव्यनिष्ठा दर्शाती है।