-जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धांजलि
पटना। जननायक कर्पूरी ठाकुर की 99वीं जयंती पर मंगलवार को बिहार विधान मंडल परिसर में आयोजित राजकीय समारोह में राज्यपाल फागू चौहान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी सहित कई गणमान्य लोगों ने उनकी आदमकद प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
इस मौके पर राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक मेहता को जान से मारने की मिली धमकी से संबंधित पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे इसकी जानकारी मिली है। इस संबंध में आगे की कार्रवाई की जा रही है। सीएम ने कहा कि एक-एक पहलू की तहकीकात की जा रही है। मगध विश्वविद्यालय में समय पर पढ़ाई और परीक्षा संचालित नहीं होने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बारे में मुझे पता चला है। हमने शिक्षा मंत्री को कहा है कि विश्वविद्यालय का काम भी तेजी से हो इसका भी विशेष रूप से ख्याल रखें।
सीएम ने कहा कि विश्वविद्यालय में पढ़ाई और परीक्षा समय से आयोजित हो, इस संबंध में बात भी की गयी है। सेशन में विलंब हो रहा है, यह गलत बात है। समाधान यात्रा के बाद हम इसको लेकर पूरे तौर पर एक मीटिंग करेंगे। हमने गवर्नर से भी बात की है ताकि यह काम तेजी से हो। इसमें देर नही होनी चाहिए। हमलोगों ने अधिक से अधिक लोगों को रोजगार देने का निर्णय लिया है। हमलोग चाहते हैं कि अधिक से अधिक लोगों को नौकरी मिले। अगर बच्चे-बच्चियों को दिक्कत होती है तो हमें तकलीफ होती है। हम चाहते हैं लड़के-लड़कियों को आगे पढ़ाना।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती का आयोजन हमेशा से किया जा रहा है। वर्ष 1988 में बहुत कम उम्र में उनका निधन हो गया था। मात्र 64 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया था। मुझे बहुत तकलीफ हुई थी। हम विधायक थे और वे हमें बहुत मानते थे। आजादी की लड़ाई में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। बिहार के विकास के लिए हर तरह से उन्होंने काम किया। जब वे बिहार के मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने एक-एक काम करवाया।
सीएम ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर ने पिछड़ा-अतिपिछड़ा और अनुसूचित जाति-जनजाति को आरक्षण दिया। 1978 में ही सबकुछ कर दिया। थोड़े दिन बाद ही कुछ लोग उनके खिलाफ हो गये लेकिन उन्होंने जितना काम किया, वो हर तरह से बिहार के विकास के लिए किया। बाढ़ से होने वाले नुकसान के लिए काम किया। लोगों को नौकरी देने का काम किया। इस प्रकार बिहार के हित में उन्होंने एक-एक काम किया लेकिन यह गलत हुआ कि जो पार्टी थी उसी में लोग इधर-उधर कर दिए। उसके बाद भी वे काम करते रहे। वो चले गये अगर वो रहते तो वो ही नेतृत्व करते। वो चले गये तो हमलोग उनकी स्मृति में उनके काम की लोगों के बीच हमेशा चर्चा करते रहते हैं और यह आयोजन होता है।