आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। 1857 की क्रांति में अहम भूमिका निभाने वाली झारखंड के वीर अमर शहीद टिकैत उमरांव सिंह और वीर शहीद शेख भिखारी की 164वीं शहादत दिवस पर झामुमो नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। पार्टी के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता और राज्य समन्वय समिति के सदस्य विनोद कुमार पांडेय, राज्य समन्वय समिति के सदस्य फागु बेसरा सहित सैंकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता चुटुपालु स्थित शहीद स्थल पहुंचे और वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। यह कार्यक्रम झारखंड मुक्ति मोर्चा रांची जिला समिति के द्वारा किया गया। विनोद कुमार पांडेय ने कहा कि झारखंड के तमाम शहीदों को हेमंत सोरेन की सरकार में ही सम्मान मिल रहा है। शहीदों के परिजनों की सुधि लेने वाला अगर कोई है, तो वह हेमंत सोरेन की सरकार है। शहीद स्थल का सौंदर्यीकरण के लिए फंड बहुत पहले ही दिया जा चुका है। झारखंड में तमाम शहीद स्थलों पर सरकार संज्ञान ले रही है, कोई भी शहीद और शहीद स्थल उपेक्षित नहीं रहेगा। फागु बेसरा ने कहा, शेख भिखारी और टिकैट उमराव सिंह ने अंग्रेजों से लोहा लिया था, और रांची जिले के चुटूपल्ली घाटी में हंसते-हंसते बरगद के पेड़ पर फांसी पर चढ़ा दिये गये थे। दोनों ने अपने बलिदान से समाज और देश को हिंदू-मुस्लिम एकता का परिचय दिया। आज हम सभी को उनके बलिदान को याद करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, झारखंड वीरों की माटी है। इससे पहले झामुमो के सभी कार्यकर्ता मोरहाबादी स्थित गुरुजी के आवास के पास जमा हुए। फिर जिलाध्यक्ष मुश्ताक आलम के नेतृत्व में जुलूस के साथ चुटुपालु स्थित शहीद स्थल पर पहुंचे। यहां पर सभी ने दोनों वीरों को श्रद्धांजलि दी।