-झामुमो महासचिव ने साधा निशाना
रांची। झामुमो ने राज्यपाल को निशाने पर लिया, खासकर उनके उस बयान को लेकर, जिसमें उन्होंने पत्रकारों से कहा कि 20 जनवरी को राज्य सरकार के द्वारा सीआरपीएफ के खिलाफ की गयी प्राथमिकी गलत है। यह सरकार की गलती भी है। झामुमो के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से कई सवाल भी पूछे हैं। साथ ही कहा है कि राज्यपाल भाजपा नेताओं की जुबान बोल रहे हैं। राज्य सरकार के खिलाफ उनका दिया गया वक्तव्य अप्रत्याशित एवं अनावश्यक है। उनकी जो भी व्याकुलताएं हैं, वे सार्वजनिक मंच पर नहीं, बल्कि प्रक्रियागत तौर पर व्यक्त हों। ऐसा नहीं होने पर यह समझा जायेगा कि उनका बयान राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित है, जो कठोर निंदनीय है।
जिला मजिस्ट्रेट करते हैं सैन्य बलों की मांग:
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि कार्यपालिका में यह स्पष्ट है कि किसी भी राज्य में प्राकृतिक आपदा, आपातकालीन स्थिति या कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने पर स्थानीय जिला के मजिस्ट्रेट केंद्र सरकार के अर्द्ध सैनिक बल, सैन्य बल तथा एनडीआरएफ की मांग करते हैं, संख्या बल भी बताया जाता है, जिसमें यूनिट कंपनी तथा बटालियन की मांग होती है। झामुमो के स्तर से पार्टी कार्यकर्ताओं को सीएम हाउस के समीप आने का सार्वजनिक आह्वान नहीं किया गया था। वे उद्वेगवश और स्वत: स्फूर्त होकर आवास की तरफ अपने-अपने घरों से आ गये थे। इसके बाद रांची जिला बल ने उन्हें आवास से दूर रोक लिया। संपूर्ण निवास स्थान को प्रतिबंधित क्षेत्र की तरह सीमित कर दिया। राज्यपाल को यह भी पता होगा कि इस राज्य के एक विशेष राजनीतिक दल के कार्यकर्ता समाज विरोधी, संप्रदाय विरोधी एवं आपराधिक प्रवृत्ति के लोग होते हैं, जिनकी पहचान समाज को है। इसलिए मतदान के समय उन्हें शासन से दूर रखता है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के द्वारा 20 जनवरी को सीआरपीएफ की उपस्थिति के संबंध में जो आधिकारिक एवं सार्वजनिक बयान दिये गये, उन्ही शब्दों का उपयोग हिंदी भाषा की जगह अंग्रेजी भाषा में राज्यपाल द्वारा गुरुवार को किया गया।
राज्य में कानून व्यवस्था ठीक:
सुप्रियो के मुताबिक राज्यपाल ने अपने चार दिवसीय दिल्ली प्रवास के बाद रांची लौटने पर पत्रकारों से कहा था कि कानून से बड़ा कोई भी व्यक्ति नहीं होता है। चाहे वह पीएम हो या सीएम, पीएम ने भी केंद्रीय एजेंसियों के सामने उपस्थित होकर जांच में सहयोग किया था। इस राज्य में भी सीएम ने केंद्रीय एजेंसी के बुलावे पर उनके कार्यालय में उपस्थित होकर उनकी जांच में सहयोग किया था। इसलिए किसी भी तरह की कानून व्यवस्था बिगड़ने की कोई बात यहां नहीं है।