झारखंडमें सियासी हलचल तेज, चर्चाओं का बाजार गर्म
मुख्यमंत्री ने सत्ता पक्ष के विधायकों की बैठक बुलायी
रांची। झारखंड सरकार में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं का बाजार गर्म है। चर्चा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को सत्ता सौंपने की तैयारी में जुटे हैं। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री ने एक एजेंसी से बातचीत में कहा है कि कल्पना सोरेन को लेकर जो भी बातें हो रही हैं, वह भाजपा की कोरी कल्पना है। इस बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को सत्ताधारी दल के विधायकों की बैठक बुलायी है। इससे पहले मंगलवार को हेमंत सोरेन ने महाधिवक्ता को बुला कर राय-मशविरा किया। पिता सह झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन से मुलाकात की। पिछले दिनों प्रवर्तन निदेशालय (इडी) द्वारा भेजे गये पत्र (समन) का हेमंत ने मंगलवार को जवाब भी भेजा। इससे पहले गांडेय विधायक सरफराज अहमद ने विधानसभा की सदस्यता से 31 दिसंबर को इस्तीफा दे दिया। भाजपा दावा कर रही है कि यह सीट कल्पना सोरेन के लिए खाली करायी गयी है। चूंकि कल्पना किसी आरक्षित सीट से चुनाव नहीं लड़ सकतीं, इसलिए गांडेय सीट का चयन किया गया है। उधर, भाजपा सत्ता पक्ष पर हमलावर है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्यपाल से आग्रह किया है कि अगर कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाने की बात सामने आती है, तो वे कानूनी सलाह लेकर ही कोई विचार करें। वहीं, सांसद निशिकांत दुबे ने कोर्ट के दो फैसले को उद्धृत करते हुए चुनाव नहीं होने की संभावना जतायी है। साथ ही एक बार फिर राजभवन में चुनाव आयोग के बंद लिफाफे की चर्चा भी तेज हो गयी है। इसे राज्यपाल द्वारा जल्द ही खोलने की बात कही जा रही है।
भाजपा का दावा मनगढंत : हेमंत सोरेन
झारखंड में चल रहे सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को न्यूज एजेंसी से कहा कि वह पत्नी कल्पना को सत्ता नहीं सौंप रहे हैं। यह भाजपा का मनगढंत दावा है। हेमंत ने उनकी पत्नी के राज्य के गांडेय विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की अटकलों को भी खारिज कर दिया। सोरेन ने कहा कि इन अटकलों में रत्ती भर भी सच्चाई नहीं है। उधर, मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर सरकार में शामिल गठबंधन दलों की बुधवार को बैठक बुलायी है। इस बैठक में सभी विधायकों को अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के लिए कहा गया है। बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आगे की रणनीति पर विधायकों से चर्चा करेंगे।
सीएमओ कर्मी ने हेमंत सोरेन का पत्र इडी को सौंपा
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इडी के सातवें समन पर जवाबी पत्र भेजा है। सीएमओ का एक कर्मचारी हेमंत का जवाबी पत्र बंद लिफाफे में लेकर गया। सूत्रों के मुताबिक हेमंत सोरेन ने इडी के समन को गैरकानूनी बताया है। इडी को लिखे पत्र में सोरेन ने मीडिया ट्रायल करने का आरोप लगाया है। उन्होंने अपनी छवि खराब करने का भी आरोप लगाया है। सूत्रों की मानें तो पत्र से यह साफ हो रहा है कि हेमंत सोरेन संभवत: इडी के पास पूछताछ के लिए पेश नहीं होंगे। गौरतलब है कि इडी ने पिछले दिनों सातवें समन के रूप में हेमंत सोरेन को पत्र लिखा था। इसमें इडी ने कहा था कि हेमंत सोरेन भूमि घोटाले मामले में जांच अधिकारी को अपनी सुविधानुसार तारीख, स्थान आदि के बारे में सूचित करें, ताकि उनका बयान दर्ज किया जा सके। जवाब के लिए उन्हें 31 दिसंबर तक का समय दिया गया था। सूत्रों की मानें तो एजेंसी ने यह भा कहा था कि अगर इस बार वह बयान दर्ज नहीं कराते हैं, तो इडी आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू करने पर विवश होगी।
महाधिवक्ता से ली राय, पिता शिबू सोरेन को दी जानकारी
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को महाधिवक्ता राजीव रंजन को बुलाया था। उन्होंने अपने आवास पर महाधिवक्ता से कानूनी सलाह ली। चर्चा है कि हेमंत ने महाधिवक्ता से प्रवर्तन निदेशालय (इडी) के बढ़ते दबाव और नेतृत्व परिवर्तन को लेकर कानूनी पक्ष को समझने का प्रयास किया। उन्होंने संभावित बातों का जिक्र करते हुए क्या-क्या कानूनी कदम उठाये जा सकते हैं, इसके बारे में जानकारी ली। उधर, पिता शिबू सोरेन को सबी बातों की जानकारी दी। शिबू सोरेन झामुमो अध्यक्ष हैं। किसी भी कदम को उठाने के लिए उनकी सहमति सबसे अहम है।
जिन्होंने गलत किया, उन्हें परिणाम भुगतना होगा: राज्यपाल राधाकृष्णन
रांची (आजाद सिपाही)। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने राज्य के वर्तमान राजनीतिक हालात पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने कुछ गलत किया है, उन्हें परिणाम भुगतना होगा। कानून-व्यवस्था पर राजभवन की नजर है। दरअसल, राज्यपाल मंगलवार को राजभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में मीडिया से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था दुर्भाग्य से बिगड़ रही है। यह बहुत दर्दनाक है। बता दें कि राज्यपाल तमिलनाडू के लिए रवाना हो गये हैं। जानकारी के अनुसार वह 8 जनवरी तक वापस रांची लौटेंगे।
संवैधानिक व्यवस्था को मजाक बनने से बचायें राज्यपाल : बाबूलाल मरांडी
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि आज राज्य में दुर्दांत अपराधी, दलाल, बिचौलिए बेखौफ हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन लगातार असंवैधानिक कार्य कर रहे। मुख्यमंत्री को अब लग गया कि उनका जेल जाना तय है। इसलिए पार्टी के विधायक सरफराज अहमद को विधानसभा से इस्तीफा दिलवा कर पत्नी को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं। उन्हें यह भी पता है कि उनकी पत्नी आरक्षित सीट से विधायक नहीं बन सकतीं। हाइकोर्ट ने यह निर्णय दिया है कि राज्य से बाहर की बहू झारखंड में आरक्षण की सुविधा नहीं ले सकती है। उन्होंने महाराष्ट्र हाइकोर्ट, नागपुर बेंच के उस निर्णय की ओर राज्यपाल का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि यदि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से कोई नयी सरकार बनाने या मुख्यमंत्री बदलने की बात उनके समक्ष आती है, तो उनका आग्रह है कि अटॉर्नी जनरल, या बड़े न्यायविद से इस संबंध में सलाह अवश्य लें। इस बारे में जल्द ही भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिल कर आग्रह भी करेगा।
आसान नहीं होगी कल्पना सोरेन के लिए सत्ता की राह: निशिकांत दुबे
गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे झारखंड में सियासी हलचल को लेकर लगातार सोशल मीडिया पर कामेंट कर रहे हैं। उन्होंने लिखा है कि हेमंत सोरेन की पत्नी के लिए सत्ता की राह आसान नहीं होगी। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट (श्री चौधरी वर्सेस स्टेट आॅफ पंजाब) का हवाला दिया है। उन्होंने लिखा कि इस जजमेंट के अनुसार यदि छह महीने के अंदर कल्पना सोरेन विधायक नहीं बनती हैं तो वह मुख्यमंत्री पद की शपथ नहीं ले सकती हैं। काटोल विधानसभा के लिए बॉम्बे हाइकोर्ट के जजमेंट का भी निशिकांत ने उल्लेख किया है। इसके अनुसार अब गांडेय या झारखंड के किसी भी विधानसभा का चुनाव नहीं हो सकता। राज्यपाल को चुनाव आयोग के साथ-साथ कानूनी राय लेकर उनकी मंशा को रोकना चाहिए। यही प्रार्थना है।