Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Monday, June 9
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»देश»राजनाथ सिंह ने देश के सैन्य इतिहास में कानपुर शहर के महत्व को याद किया
    देश

    राजनाथ सिंह ने देश के सैन्य इतिहास में कानपुर शहर के महत्व को याद किया

    adminBy adminJanuary 14, 2024No Comments4 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    – राष्ट्र का अस्तित्व बनाए रखने के लिए मौत का भी सामना करने को तैयार रहते हैं सैनिक

    – पूर्व सैनिकों या उनके परिवारों का सम्मान करना हर भारतीय का कर्तव्य होना चाहिए

    नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रविवार को सेना दिवस से ठीक एक दिन पहले सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस पर रविवार को देश के सैन्य इतिहास में कानपुर शहर के महत्व को याद किया। उन्होंने कहा कि यह किसी संयोग से कम नहीं है कि हम अपने पूर्व सैनिकों के सम्मान के लिए कानपुर जैसी जगह पर एकत्र हुए हैं। यहीं से 1857 के ग़दर की शुरुआत हुई थी और आजाद हिंद फौज की पहली महिला कैप्टन का भी कानपुर से बड़ा आत्मीय नाता रहा है।

    कानपुर में वायु सेना स्टेशन पर सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस समारोह में रक्षा मंत्री ने कहा कि इस देश के सैन्य इतिहास की श्रेणी में कानपुर अपना एक अलग ही महत्व रखता है। 1857 में जब भारत के स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत हुई तो उस समय पेशवा नानासाहेब ने कानपुर के बिठूर से ही विद्रोह का नेतृत्व किया था। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने जिस आजाद हिंद फौज का गठन किया, उसकी पहली महिला कैप्टन रहीं डॉ. लक्ष्मी सहगल जी का भी कानपुर से बड़ा आत्मीय नाता रहा। उन्होंने तो अपने जीवन का आखिरी क्षण भी कानपुर में ही बिताया। उनकी पार्थिव देह का अंतिम संस्कार नहीं हुआ, बल्कि देश सेवा के लिए कानपुर मेडिकल कालेज को दान में दे दी गई।

    राजनाथ सिंह ने कहा कि सैनिकों के साथ हमारा आत्मीय संबंध तो है ही, लेकिन हम यदि कभी एक सैनिक के परिप्रेक्ष्य से सोचें, तो हमें देश के प्रति उनकी भावनाओं की गहराइयों में उतरने का मौका मिलेगा। अगर सेना का कोई जवान कारगिल की चोटियों पर तैनात है, तो नौसेना का कोई नाविक हिंद महासागर की गहराइयों में हमारी सुरक्षा कर रहा है। इसी तरह कोई वायु योद्धा किसी सुदूर एयरबेस में हमारे वायु क्षेत्र की सुरक्षा कर रहा है। एक सैनिक को इस राष्ट्र का अस्तित्व बनाए रखने के लिए, इस राष्ट्र की जीवंतता बनाए रखने के लिए वह नैतिक बल मिलता है, जिसके कारण वह मौत का भी सामना करने को तैयार रहता है। उस सैनिक का सबसे बड़ा धर्म यह हो जाता है कि मैं रहूं या ना रहूं, मेरा देश रहना चाहिए, क्योंकि अगर यह देश जीवित रहेगा तो उसका नाम भी जिंदा रहेगा।

    उन्होंने आम लोगों से आह्वान किया कि एक राष्ट्र के रूप में हमारा कर्तव्य यह होना चाहिए कि हम उस सैनिक के साथ तथा उसके परिवार के साथ ऐसा व्यवहार करें कि आने वाली कई पीढ़ियों तक जब भी कोई व्यक्ति सैनिक बने, तो उसके मन में यह भाव रहे कि यह देश उसे अपना परिवार मानता है। यह देश उसे किसी भी मुसीबत में अकेला नहीं छोड़ने वाला। केंद्र सरकार ने पूर्व सैनिकों पर विशेष ध्यान दिया है। चाहे वह वन रैंक वन पेंशन लागू करने की बात हो या फिर उनके लिए स्वास्थ्य देखभाल करने की बात हो, उनके पुन: रोजगार की बात हो या फिर समाज में उनके सम्मान की बात हो, हम लगातार अपने पूर्व सैनिकों का ख्याल रख रहे हैं।

    राजनाथ सिंह ने कहा कि यदि ईश्वर हमारा रक्षक है, डॉक्टर ईश्वर स्वरूप हैं तो कहीं ना कहीं सीमाओं पर हमारी सुरक्षा करने वाले सैनिकों में भी ईश्वर का कोई अंश मौजूद होगा। इसलिए अपने भूतपूर्व सैनिकों का सम्मान करना तथा उनके परिवार की देखभाल करना, यह ईशपूजा से कम नहीं होता। कोई भी परिवार अपने संसाधनों के अनुरूप ही अपने परिजनों का ख्याल रखता है। ठीक उसी प्रकार एक राष्ट्र भी अपने संसाधनों के अनुरूप अपने भूतपूर्व सैनिकों का ध्यान रखता है। जैसे-जैसे यह राष्ट्र प्रगति करता जा रहा है, हम अपने पूर्व सैनिकों के हालातों को और अधिक मजबूत करते जा रहे हैं।

    उन्होंने कहा कि हमारे भारतीय सैनिकों का शौर्य ऐसा है कि सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि दूसरे देशों में भी उनका सम्मान होता है। प्रथम विश्व युद्ध या द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जो भारतीय सैनिक दूसरे देशों की रक्षा या स्वतंत्रता के लिए लड़ने गए थे, उनकी चर्चा सम्मानपूर्वक दुनियाभर में होती है। हमारे सैनिकों की बहादुरी, ईमानदारी, व्यावसायिकता और मानवता की चर्चा तो भारत से बाहर भी मशहूर है। ऐसा नहीं है कि सिर्फ विदेशी ही हमारे सैनिकों का सम्मान करते हैं, बल्कि भारतीय अपने सैनिकों का सम्मान करने के साथ ही न्याय के पक्ष में खड़े दूसरे देशों के सैनिकों का भी सम्मान करते हैं।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleशिंदे समूह की शिवसेना में शामिल होंगे पूर्व कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा
    Next Article देश के सैन्य इतिहास की श्रेणी में कानपुर का अपना एक अलग स्थान : राजनाथ सिंह
    admin

      Related Posts

      भारत ने पिछले 11 वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से परिवर्तन देखा: प्रधानमंत्री मोदी

      June 9, 2025

      ठाणे में चलती लोकल ट्रेन से गिरकर 6 यात्रियों की मौत, सात घायल

      June 9, 2025

      प्रधानमंत्री ने भगवान बिरसा मुंडा को उनके बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि दी

      June 9, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • भारत ने पिछले 11 वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से परिवर्तन देखा: प्रधानमंत्री मोदी
      • ठाणे में चलती लोकल ट्रेन से गिरकर 6 यात्रियों की मौत, सात घायल
      • प्रधानमंत्री ने भगवान बिरसा मुंडा को उनके बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि दी
      • हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल ने श्री महाकालेश्वर भगवान के दर्शन किए
      • ‘हाउसफुलृ-5’ ने तीसरे दिन भी की जबरदस्त कमाई, तीन दिनों का कलेक्शन 87 करोड़
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version