झारखंड हाई कोर्ट ने गुरुवार को एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि बूढ़े मां-बाप की सेवा करना बेटे की जिम्मेदारी है। कोर्ट ने हिंदू धर्म में कही गई बातों का हवाला देते हुए कहा कि एक व्यक्ति पर जन्म लेने के कारण कुछ ऋण होते हैं और उसमें पिता और माता का ऋण भी शामिल होता है जिसे हमें चुकाना होता है।
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