इस्लामाबाद। इस्लामाबाद हाई कोर्ट (आईएचसी) ने दो साल पहले नौ मई, 2023 के दंगा मामलों में 10 दोषियों की सजा निलंबित कर दी। जस्टिस मोहसिन अख्तर कियानी और जस्टिस सरदार इजाज इशाक खान की खंडपीठ ने दोषियों में से प्रत्येक को 25 हजार रुपये के जमानत बांड पेश करने का आदेश दिया।

एआरवाई न्यूज चैनल की खबर के अनुसार इससे पहले आतंकवाद रोधी अदालत (एटीसी) ने 22 नवंबर को दोषियों को पांच साल और 10 महीने की कारावास की सजा सुनाई थी। इन्हें फैजाबाद में पुलिस पर हमला करने और एक पुलिस चौकी को जलाने के आरोप लगाया गया था। खंडपीठ ने कहा है कि अपराध स्थल से किसी भी दोषी को गिरफ्तार नहीं किया गया। अदालत ने डिप्टी रजिस्ट्रार को दोषियों की राष्ट्रीयता सत्यापित करने के लिए उनके मूल पहचान पत्र प्राप्त करने का भी निर्देश दिया, क्योंकि इनमें पांच दोषी कथित तौर पर अफगान नागरिक हैं।

सरकारी अभियोजक ने सजा के निलंबन का विरोध करते हुए तर्क दिया कि ट्रायल कोर्ट ने सीसीटीवी फुटेज और अन्य सबूतों के आधार पर सजा सुनाई थी। हालांकि, अदालत ने जमानत याचिका स्वीकार कर ली और उन्हें हर सुनवाई पर अदालत के सामने पेश होने का निर्देश दिया। एक अलग घटनाक्रम में इन दंगों में शामिल 19 दोषियों को सैन्य अदालतों से माफी मिल चुकी है।

दरअसल, नौ मई, 2023 को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पूरे पाकिस्तान में हिंसक झड़पें हुईं। दूरदराज और प्रमुख शहरों में विरोध प्रदर्शन किया गया। बलूचिस्तान, पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा और इस्लामाबाद में हालात इतने खराब हो गए थे कि सशस्त्र बलों को तैनात करना पड़ा। पीटीआई कार्यकतार्ओं के विरोध प्रदर्शन के दौरान लाहौर में कोर कमांडर के घर सहित सैन्य प्रतिष्ठानों पर भी हमला हुआ था। पीटीआई संस्थापक इमरान खान को सभी दंगों के मामलों में मुख्य आरोपित के रूप में नामित किया गया है।

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