कोलंबो। श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के दूसरे बेटे योशिता राजपक्षे आज सुबह बयान दर्ज कराने के लिए आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) पहुंचे। सीआईडी अधिकारियों ने उनसे पूछताछ की। सीआईडी ​​ने उन्हें 28 दिसंबर को भेजे समन में कटारगामा में एक सरकारी स्वामित्व वाली भूमि के स्वामित्व के संबंध में बयान देने के लिए तीन जनवरी को बुलाया था।

डेली मिरर समाचार पत्र के अनुसार, सीआईडी ​​ने 27 दिसंबर को पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के पूर्व निजी मुख्य सुरक्षा अधिकारी नेविल वन्नियाराच्ची से चार घंटे तक पूछताछ कर बयान दर्ज किए थे। सीआईडी ने उनसे पूछा था कि उन्होंने इतनी बड़ी मात्रा में संपत्ति कैसे अर्जित की। इसके अगले दिन योशिता को समन जारी किया गया था। सीआईडी इस भूमि के स्वामित्व दस्तावेजों में की गई हेराफेरी की जांच कर रही है।

12 जून, 1988 को जन्मे योशिता श्रीलंकाई खिलाड़ी और पूर्व नौसेना अधिकारी हैं। वो श्रीलंका के प्रधानमंत्री के चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। योशिता राजपक्षे साल 2016 से किसी न किसी मामले में जांच का सामना कर रहे हैं। उन्हें फाइनेंशियल क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिवीजन (एफसीआईडी) ने 16 जनवरी, 2016 भ्रष्टाचार के आरोपों में लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। यह गिरफ्तारी श्रीलंका के स्पोर्ट्स, लाइफ स्टाइल और बिजनेस टेलीविजन चैनल काल्र्टन स्पोर्ट्स नेटवर्क (सीएसएन) में कथित फर्जीवाड़े पर की गई थी। योशिता के साथ पूर्व राष्ट्रपति के प्रवक्ता रोहन वेलिविता को भी हिरासत में लिया गया था। इस मामले में उन्हें कोलंबो हाई कोर्ट ने 14 मार्च, 2016 को जमानत प्रदान की थी।

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