रांची। झारखंड के भू राजस्व मंत्री दीपक बिरुआ ने कहा कि जमीन संबंधित मुद्दों पर लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए राजस्व संग्रहण किया जाए। इसलिए म्यूटेशन समेत अन्य जमीन संबंधित कार्यों को राइट टू सर्विस एक्ट के दायरे में लाएं। अधिकारी ऐसे कार्यों को समय पर पूरा कराने की दिशा में काम करें, ताकि लोगों को बेहतर सुविधा मिल सके और सरकार को राजस्व संग्रहण बढ़ें।
मंत्री दीपक बिरूआ प्रोजेक्ट भवन स्थित अपने विभागीय कार्यालय में गुरुवार को सभी प्रमंडलीय आयुक्त और विभागीय सचिव के साथ वर्चुअल बैठक में निर्देश देते हुए बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि अपनी ही जमीन की रसीद कटवाने के लिए भी लोगों को कचहरी और कर्मचारियों के कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है। इसलिए अब राज्यवासी बार कोड की सुविधा मिलेगी। जिसके माध्यम से लोग मोबाइल से ही अपनी जमीन की रसीद कटा सकेंगे। विभाग इस पर आगे की कार्रवाई करे। उन्होंने कहा कि बार कोड के जरिए रसीद कटने पर लोगों को रसीद कटवाने के लिए यहां वहां जाने की जरुरत नहीं होगी।
बैठक में चाईबासा आयुक्त के जरिये जमशेदपुर जिले की कंपनियों से दो हजार करोड़ राशि के बकाया वसूली करने का प्रस्ताव सामने आया। जिसपर मंत्री ने तत्काल मामले पर संज्ञान लेते हुए उसपर आगे की कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे कई मामले हैं जहां से रेवेन्यू वसूली होने पर राज्य की राजस्व में बढ़ोतरी होगी। लेकिन इस पर काम करने की जरुरत है।
मौके पर मंत्री ने सरकारी जमीन के कब्जे मामले में भी सख्ती दिखाते हुए निर्देश दिया है कि सरकारी जमीन पर जमाबंदी कायम है या नहीं इसपर ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि हरमू नदी किनारे भी अनावश्यक रूप से कब्जा कर नदी को समाप्ति के कगार पर छोड़ा जा रहा है। इसपर विभागीय स्तर पर चर्चा कर आगे की कार्रवाई करने की रणनीति तय की जाए।
बैठक में इसके अलावे लंबित म्यूटेशन की कठिनाईयों को दूर कर जमीन संबंधित राजस्व संग्रहण को सहूलियत बनाने, खासमहल जमीन के रिन्यूअल कराने के सुझाव पर अमल किए जाने, सैरात की वसूली को सुविधाजनक बनाने, नीलाम पत्र वाद के निष्पादन पर खास निर्देश देने, लंबित कोर्ट केस की नियमित समीक्षा कर वरीय पदाधिकारियों के जरिये उसके अविलंब निष्पादन किए जाने, अंचल कार्यालयों में निरीक्षण करने समेत राजस्व बढ़ाने जैसे अन्य महत्वपूर्ण मामलों में दिशा निर्देश दिया।