पटना। अब इसे संयोग कह लें या आरोपों में फंसते जा रहे राजद के कुछ नेताओं की कहानी। मगर कार्रवाई की बात करें तो राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के परिवार के बाद उनके करीबियों पर इडी की कार्रवाई का कहर बरपने लगा है। आज राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के करीबी पूर्व राजस्व मंत्री आलोक मेहता के कई ठिकानों पर इडी की छापेमारी चल रही है तो इसके पूर्व राजद नेता सुभाष यादव, अरुण यादव और राधा चरण सेठ पर भी इडी का डंडा चला।
आलोक कुमार महतो पर इडी का शिकंजा
बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और राजद नेता आलोक कुमार मेहता के 16 ठिकानों पर आज सुबह इडी की रेड पड़ी। इडी ने शुक्रवार सुबह-सुबह राजधानी पटना स्थित आवास पर तो छापेमारी की ही। साथ इसके पूर्व मंत्री आलोक मेहता के 16 ठिकाने पर भी प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने छापेमारी की है। इडी की अलग-अलग टीम पूर्व मंत्री आलोक मेहता के पटना, समस्तीपुर, दिल्ली उत्तर प्रदेश समेत 16 ठिकानों पर पहुंची है।
बैंक लोन से जुड़े मामलों में गड़बड़ी का आरोप
दरअसल, आलोक मेहता पर बैंक लोन से जुड़े मामलों में गड़बड़ी करने का आरोप लगा है। इन्हीं सब गड़बड़ियों की जांच करने के लिए इडी के अधिकारी उनके ठिकानों पर पहुंचे हैं। मिली जानकारी के अनुसार वैशाली शहरी कॉरपोरेशन बैंक से जुड़ा करोड़ों रुपए के बैंक लोन घोटाला का मामला है।
राजद नेता सुभाष यादव भी इस चपेट में
बिहार के बालू कारोबारी सुभाष यादव के ठिकाने पर भी इडी ने छापेमारी की थी। इन पर बालू से जुड़े अवैध कारोबार और मनी लॉन्ड्रिंग का मामला इडी ने लगाया था। तब इडी ने सुभाष यादव के दानापुर, मनेर स्थित आवास के अलावा मरछिया देवी अपार्टमेंट, दानापुर स्थित पानी प्लांट, शाहपुर थाना अंतर्गत आने वाले कार्यालय के अलावा अन्य स्थान पर की थी। तब इडी ने दो करोड़ रुपए नकद मिलने की जानकारी दी थी। इसके अलावा बड़ी संख्या में निवेश से और जमीन से जुड़े कागजात बरामद किए गए थे। राजद के प्रत्याशी रहे सुभाष यादव बालू के कारोबार से जुड़ी ब्राडसन कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक हैं। सुभाष यादव को राजद प्रमुख लालू प्रसाद का करीबी बताया जाता है। बालू कारोबारी सुभाष यादव के अलग अलग ठिकानों पर यह तीसरी छापेमारी है। इसके पूर्व भी प्रवर्तन निदेशालय के साथ ही सीबीआइ, आयकर विभाग की टीम इनके ठिकानों पर सर्च और छापेमारी कर चुकी है।
राजद विधायक अरुण यादव के यहां भी इडी का पड़ा था छपा
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के एक और करीबी पर छपा पड़ा था। ये थे पूर्व विधायक अरुण यादव। इनके खिलाफ भी इडी ने बड़ा एक्शन लिया था। इडी ने मनी लांड्रिंग मामले में अरुण यादव की लगभग 25 करोड़ की संपत्ति जब्त की थी 2024 के फरवरी में अरुण यादव के यहां रेड पड़ी थी। इस क्रम में दानापुर इलाके में राबड़ी देवी के नाम के चार फ्लैट अरुण यादव की विधायक पत्नी किरण देवी के नाम किया था। फरवरी 2024 में आरजेडी के पूर्व विधायक अरुण यादव, उनकी पत्नी किरण देवी और कुछ अन्य के परिसरों पर छापेमारी की थी. इडी ने साल 2024 में आरजेडी विधायक और उनकी पत्नी के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया था।
अरुण यादव के कई ठिकानों पर भी हो चुकी है इडी छापेमारी
इडी ने इस जांच के तहत पहले अरुण यादव और उनके परिवार के कुछ सदस्यों के बयान दर्ज किए थे। साथ ही इडी ने उनके परिवार के सदस्यों और किरण दुर्गा कॉन्ट्रैक्टर्स प्राइवेट लिमिटेड की संपत्ति, दस्तावेज और बैंक खातों की डिटेल ली थी। इससे पहले केंद्रीय जांच एजेंसी की अलग-अलग टीमें पिछले साल मई में और इस साल जनवरी महीने में उनके भोजपुर के अगियांव गांव वाले घर और दानापुर स्थित फ्लैट की तलाशी ली थी।
इडी का आरोप है कि पूर्व विधायक ने अपनी फर्जी कंपनी किरण दुर्गा कॉन्ट्रैक्टर्स प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से मां मराचिया देवी कॉम्प्लेक्स में फ्लैट खरीदे थे। अरुण यादव राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और उनके परिवार के सदस्यों से जुड़े जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में केंद्रीय जांच एजेंसियों की जांच के दायरे में भी हैं।