रांची। मंत्री इरफान अंसारी ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के राज्य सरकार पर किए गए निराधार आरोपों का कड़ा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि झारखंड में बीजेपी ने 17 वर्षों तक शासन किया, लेकिन तब किसानों के हितों पर ध्यान नहीं दिया। वर्तमान हेमंत सोरेन सरकार किसानों के हित में लगातार ऐतिहासिक फैसले ले रही है।
इरफान अंसारी ने बताया कि झारखंड सरकार ने इस वर्ष धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2400 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है, जो देश के कई राज्यों से अधिक है। इसके अतिरिक्त, किसानों को 100 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस भी दिया जा रहा है। उन्होंने बीजेपी पर किसानों के मुद्दों पर राजनीति करने और जनता को दिग्भ्रमित करने का आरोप लगाया।
धान अधिप्राप्ति का विवरण:
इरफान अंसारी ने कहा कि खरीफ विपणन मौसम 2024-25 में धान क्रय का कार्य 15 दिसंबर 2024 से प्रारंभ हुआ है।
लक्ष्य: 6 लाख मीट्रिक टन धान क्रय।
निबंधन: 2,37,442 किसानों ने ई-उपार्जन पोर्टल पर निबंधन कराया।
अधिप्राप्ति केंद्र: पूरे राज्य में 684 अधिप्राप्ति केंद्र संचालित, जो पिछले वर्षों की तुलना में अधिक हैं।
03 जनवरी 2025 तक:
धान क्रय: 11,720 किसानों से 6,81,217.00 क्विंटल धान की अधिप्राप्ति।
सीएमआर (मिलिंग): 1,07,434.00 क्विंटल चावल अग्रिम रूप से प्राप्त।
पिछले वर्षों की तुलना में प्रगति
2023-24: 591 किसानों से 32,499.00 क्विंटल।
2022-23: 5901 किसानों से 2,88,285.00 क्विंटल।
2024-25: 11,720 किसानों से 6,81,217.00 क्विंटल।
स्पष्ट है कि वर्तमान सरकार की नीतियों के कारण अधिप्राप्ति में निरंतर वृद्धि हो रही है।
किसानों के लिए विशेष सुविधाएं:
SMS के माध्यम से धान बिक्री की सूचना, जिससे किसानों को अधिप्राप्ति केंद्रों पर इंतजार नहीं करना पड़ता।
सभी अधिप्राप्ति केंद्रों पर नमी मापक यंत्र और विश्लेषण किट की व्यवस्था।
किसानों के बीच जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है ताकि वे न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर धान न बेचें।
धान अधिप्राप्ति प्रक्रिया को पूरी तरह से कंप्यूटरीकृत किया गया है। हर सप्ताह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की जाती है। बिचौलियों पर अंकुश लगाने के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं। डॉ. अंसारी ने कहा, “हमारी सरकार किसानों के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। बीजेपी को झारखंड की जनता और किसानों के मुद्दों पर राजनीति करना बंद करना चाहिए। हमारी सरकार के कार्यों से किसानों में खुशी की लहर है और झारखंड प्रगति के पथ पर अग्रसर है।”