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    Home»देश»गणतंत्र दिवस परेड में दिखी भारत की सैन्य शक्ति, युद्धक टैंक, विमानों की गूंज से थर्राए धरती गगन
    देश

    गणतंत्र दिवस परेड में दिखी भारत की सैन्य शक्ति, युद्धक टैंक, विमानों की गूंज से थर्राए धरती गगन

    shivam kumarBy shivam kumarJanuary 26, 2025No Comments8 Mins Read
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    गणतंत्र दिवस की परेड में कर्तव्य पथ पर दिखा भारत के स्वदेशी हथियारों का जलवा
    ​- ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’ थीम पर 31 झांकियां निकाली गईं​
    – पहली बार कर्तव्य पथ पर 5,000 कलाकारों ने सांस्कृतिक प्रदर्शन किया
    नई दिल्ली। देश के 76वें गणतंत्र दिवस की परेड में कर्तव्य पथ पर भारत के स्वदेशी हथियारों का जलवा दिखा। भारतीय सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने समारोह का नेतृत्व किया। मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो के अलावा विभिन्न क्षेत्रों से लगभग 10​ हजार विशेष अतिथि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता, एकता, समानता, विकास और सैन्य शक्ति को प्रदर्शित करने वाले इस समारोह के साक्षी बने। ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’ थीम पर 31 झांकियां निकाली गईं। पहली बार तीनों सेनाओं की झांकी ने सशस्त्र बलों के बीच एकजुटता और एकीकरण की भावना को प्रदर्शित किया। पहली बार कर्तव्य पथ पर 5,000 कलाकारों ने सांस्कृतिक प्रदर्शन किया।

    परेड
    गणतंत्र दिवस परेड सुबह 10.30 बजे शुरू हुई और लगभग 90 मिनट तक चली। समारोह की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जाकर देश के वीरों को पुष्पांजलि अर्पित करके श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद प्रधानमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति परेड देखने के लिए कर्तव्य पथ पर सलामी मंच पर पहुंचे। भारत के राष्ट्रपति और उनके इंडोनेशियाई समकक्ष के आगमन पर राष्ट्रपति के अंगरक्षक, भारतीय सेना की सबसे वरिष्ठ रेजिमेंट ने सुरक्षा प्रदान की। दोनों राष्ट्रपति ‘पारंपरिक बग्गी’ में आए, यह प्रथा 40 वर्षों के अंतराल के बाद 2024 में वापस आई है। राष्ट्रीय ध्वज फहराने और राष्ट्रगान के बाद स्वदेशी हथियार प्रणाली 105-एमएम लाइट फील्ड गन का उपयोग करके 21 तोपों की सलामी दी गई।

    परेड की शुरुआत 300 सांस्कृतिक कलाकारों ने देश के विभिन्न भागों के संगीत वाद्य यंत्रों के साथ ‘सारे जहां से अच्छा’ बजाकर की। वाद्य यंत्रों का यह स्वदेशी मिश्रण एक अरब भारतीयों के दिलों की धुन, ताल और उम्मीदों से गूंजा। वाद्य यंत्रों के इस समूह में शहनाई, सुंदरी, नादस्वरम, बीन, मशक बीन, बांसुरी, करदी मजालू, मोहुरी, शंख, तुतारी, ढोल, गोंग, निशान, चंग, ताशा, संबल, चेंडा, इडक्का, लेजिम, थविल, गुदुम बाजा, तालम और मोनबाह को शामिल किया गया। ध्वज फॉर्मेशन में 129 हेलीकॉप्टर यूनिट के एमआई-17 1वी हेलीकॉप्टरों ने पुष्प वर्षा करके माहौल को देश भक्ति से भर दिया। राष्ट्रीय ध्वज के साथ हेलीकॉप्टरों के इस समूह का नेतृत्व ग्रुप कैप्टन आलोक अहलावत ने किया।

    राष्ट्रपति के सलामी लेने के साथ परेड की शुरुआत हुई। दिल्ली क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल भवनीश कुमार ने परेड कमांडर की कमान संभाली। मुख्यालय दिल्ली क्षेत्र के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल सुमित मेहता परेड के सेकेंड-इन-कमांड थे। परेड की शुरुआत में सर्वोच्च वीरता पुरस्कारों के विजेता सलामी मंच के सामने से गुजरे। इनमें परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर (मानद कैप्टन) योगेंद्र सिंह यादव (सेवानिवृत्त) और सूबेदार मेजर संजय कुमार (सेवानिवृत्त) और अशोक चक्र विजेता लेफ्टिनेंट कर्नल जसराम सिंह (सेवानिवृत्त) शामिल हैं। परमवीर चक्र दुश्मन के सामने बहादुरी और आत्म-बलिदान के सबसे विशिष्ट कार्य के लिए, जबकि अशोक चक्र दुश्मन के सामने वीरता और आत्म-बलिदान के समान कार्यों के लिए दिया जाता है।

    इंडोनेशियाई टुकड़ी
    कर्तव्य पथ पर पहली बार इंडोनेशियाई राष्ट्रीय सशस्त्र बलों की मार्चिंग टुकड़ी और इंडोनेशिया की सैन्य अकादमी के सैन्य बैंड ने मार्च पास्ट किया। इस मार्चिंग टुकड़ी में 152 जवान और 190 सदस्य सैन्य बैंड में शामिल रहे।

    भारतीय सेना की टुकड़ी
    माउंटेड कॉलम का नेतृत्व करने वाली सेना की टुकड़ी का नेतृत्व 61 कैवेलरी के लेफ्टिनेंट अहान कुमार ने किया। 1953 में गठित 61 कैवेलरी दुनिया की एकमात्र सक्रिय घुड़सवार घुड़सवार रेजिमेंट है। इसके बाद नौ मैकेनाइज्ड कॉलम और ब्रिगेड ऑफ द गार्ड्स, जाट रेजिमेंट, गढ़वाल राइफल्स, महार रेजिमेंट, जम्मू और कश्मीर राइफल्स रेजिमेंट, कोर ऑफ सिग्नल्स आदि की टुकड़ियां सलामी मंच के सामने से होकर गुजरीं। सेना ने परेड में स्वदेशी हथियारों में टैंक टी-90 (भीष्म), बीएमपी-2 सरथ के साथ नाग मिसाइल सिस्टम, सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल, पिनाका मल्टी-लॉन्चर रॉकेट सिस्टम, अग्निबाण मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर, आकाश हथियार प्रणाली, एकीकृत युद्धक्षेत्र निगरानी प्रणाली, ऑल-टेरेन व्हीकल (चेतक), लाइट स्पेशलिस्ट व्हीकल (बजरंग), व्हीकल माउंटेड इन्फैंट्री मोर्टार सिस्टम (ऐरावत), क्विक रिएक्शन फोर्स व्हीकल्स (नंदीघोष और त्रिपुरांतक) और शॉर्ट-स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम का कर्तव्य पथ पर प्रदर्शन किया।

    तीनों सेनाओं की झांकी
    पहली बार तीनों सेनाओं की झांकी कर्तव्य पथ पर उतरी, जिसमें एकजुटता और एकीकरण की भावना प्रदर्शित की गई। ‘सशक्त और सुरक्षित भारत’ थीम के साथ झांकी में तीनों सेनाओं के बीच नेटवर्किंग और संचार की सुविधा प्रदान करने वाले संयुक्त संचालन कक्ष को दर्शाया गया। इसमें स्वदेशी अर्जुन मुख्य युद्धक टैंक, तेजस मार्क-2 लड़ाकू विमान, उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर, विध्वंसक युद्धपोत आईएनएस विशाखापत्तनम और एक रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट के साथ जमीन, पानी और हवा में एक समन्वित ऑपरेशन का प्रदर्शन करते हुए युद्ध के मैदान का परिदृश्य दिखाया गया।

    भारतीय नौसेना की टुकड़ी
    भारतीय नौसेना की टुकड़ी में 144 कर्मी शामिल थे, जिनका नेतृत्व टुकड़ी कमांडर के रूप में लेफ्टिनेंट कमांडर साहिल अहलूवालिया, लेफ्टिनेंट कमांडर इंद्रेश चौधरी, लेफ्टिनेंट कमांडर काजल अनिल भरानी और लेफ्टिनेंट देवेंद्र प्लाटून कमांडर ने किया।इसके बाद झांकी में भारत के समुद्री हितों की रक्षा करने में सक्षम एक मजबूत ‘आत्मनिर्भर’ नौसेना को दर्शाया गया। झांकी में विध्वंसक आईएनएस सूरत, फ्रिगेट आईएनएस नीलगिरी और पनडुब्बी आईएनएस बाग्शीर सहित नए-नए स्वदेशी फ्रंटलाइन अत्याधुनिक लड़ाकू जहाजों को दिखाया गया, जो स्वदेशी युद्धपोत डिजाइन और निर्माण में भारत की तेजी से प्रगति को उजागर करते हैं।

    भारतीय वायु सेना की टुकड़ी
    भारतीय वायु सेना की टुकड़ी में चार अधिकारी और 144 कार्मिक शामिल हुए, जिनका नेतृत्व स्क्वाड्रन लीडर महेंद्र सिंह गराती ने किया।फ्लाइट लेफ्टिनेंट नेपो मोइरंगथेम, फ्लाइट लेफ्टिनेंट दामिनी देशमुख और फॉरेस्ट ऑफिसर अभिनव गोरसी अतिरिक्त अधिकारी के रूप में शामिल हुए। इसके बाद ‘बाज फॉर्मेशन’ में तीन मिग-29 विमानों ने फ्लाई-पास्ट किया।

    भारतीय तटरक्षक बल
    भारतीय तटरक्षक बल की टुकड़ी का नेतृत्व डिप्टी कमांडेंट नविता ठाकरन ने किया, जिसके बाद गार्ड के तीन अधिकारी डिप्टी कमांडेंट सुमित कुमार, डिप्टी कमांडेंट पंकज सैनी और असिस्टेंट कमांडेंट प्रिया बालुरकर ने तटीय सुरक्षा और समुद्री खोज और बचाव पर केंद्रित आईसीजी की झांकी दिखाई, जिसका विषय ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और प्रगति’ था।

    डीआरडीओ की झांकी
    परेड के दौरान डीआरडीओ की झांकी में सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल, हवाई प्रारंभिक चेतावनी और नियंत्रण प्रणाली, 155 मिमी/52 कैल एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम, ड्रोन का पता लगाने, उसे रोकने और नष्ट करने, उपग्रह-आधारित निगरानी प्रणाली, मध्यम शक्ति रडार अरुध्रा, उन्नत हल्के वजन वाले टारपीडो, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली धराशक्ति, लेजर-आधारित निर्देशित ऊर्जा हथियार, बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली, स्वदेशी मानव रहित हवाई प्रणाली, भूमि बलों के लिए वी/यूएचएफ मैनपैक सॉफ्टवेयर परिभाषित रेडियो, स्वदेशी सुरक्षित सैटेलाइट फोन और यूजीआरएएम असॉल्ट राइफल को दर्शाया गया। इसके अलावा डीआरडीओ की 2024 की प्रमुख उपलब्धियों को भी झांकी के पोस्टरों में प्रदर्शित किया गया, जैसे लंबी दूरी की हाइपरसोनिक एंटी-शिप मिसाइल, हल्के वजन की बुलेट प्रूफ जैकेट ‘अभेड’, ‘ज़ोरावर’ हल्का टैंक और रडार, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली, सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो आदि के साथ डोर्नियर मिड-लाइफ अपग्रेड।

    राज्य सरकारों की झांकियांइस वर्ष परेड में 16 राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्र सरकार के 10 मंत्रालयों, विभागों की झांकियों ने ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’ को उजागर किया। इन झांकियों ने भारत की विविध शक्तियों और इसकी निरंतर विकसित होती सांस्कृतिक समावेशिता को एक शानदार भविष्य की ओर अग्रसर करती हुई प्रदर्शित किया। इस बार गोवा, उत्तराखंड, हरियाणा, झारखंड, गुजरात, आंध्र प्रदेश, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, त्रिपुरा, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, चंडीगढ़, दिल्ली और दादरा नगर हवेली और दमन और दीव की झांकियां परेड में शामिल हुईं।

    सांस्कृतिक प्रदर्शन
    इस वर्ष ‘जयति जय ममः भारतम्’ शीर्षक से 5,000 कलाका​रों ने 11 मिनट में देश के विभिन्न भागों से 45 से अधिक नृत्य शैलियों का प्रदर्शन ​किया। पहली बार​ इस प्रदर्शन ​ने विजय चौक से लेकर सी हेक्सागन तक पूरे कर्तव्य पथ को कवर किया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी मेहमानों को एक जैसा देखने का अनुभव मिले।

    मोटरसाइकिल प्रदर्शन
    कोर ऑफ़ सिग्नल्स मोटरसाइकिल राइडर डिस्प्ले टीम​ ने मोटरसाइकिल प्रदर्शन के दौरान सांस रोक देने वाले स्टंट ​किये, जिसे ‘द डेयर डेविल्स’ के नाम से जाना जाता है। ​इस टीम ​ने बुलेट सैल्यूट, टैंक टॉप, डबल जिमी, डेविल्स डाउन, लैडर सैल्यूट, शत्रुजीत, श्रद्धांजलि, मर्करी पीक, इन्फो वॉरियर्स, लोटस और ह्यूमन पिरामिड सहित कई संरचनाओं के माध्यम से अपनी बहादुरी और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन ​किया।

    फ्लाईपास्ट
    परेड के​ आखिरी और सबसे उत्सुकता से प्रतीक्षित कार्यक्रमों में से एक ‘फ्लाई-पास्ट’ में भारतीय वायुसेना के 40 ​विमानों और हेलीकॉप्टरों ने उड़ान भरकर कर्तव्य पथ पर मौजूद दर्शकों में उत्साह भर दिया, जिसमें ​हर किसी की नजर आसमान की ओर टिकी रही। फ्लाईपास्ट में 22 लड़ाकू जेट, 11 परिवहन विमान और सात हेलीकॉप्ट​रों ने शानदार एयर शो दिखाया। इनमें राफेल, ​सुखोई-30, जगुआर, सी-130, सी-295, सी-17, ​अवाक्स, डोर्नियर-228 और ​एएन-32 विमान और अपाचे और ​एमआई-17 हेलीकॉप्टर ​ने ध्वज, अजय, सतलुज, रक्षक, अर्जन, नेत्र, भीम, अमृत, वज्रांग, त्रिशूल और विजय सहित विभिन्न संरचनाओं का प्रदर्शन ​किया। अंतिम वर्टिकल चार्ली युद्धाभ्यास राफेल लड़ाकू विमान ​ने किया। समारोह का समापन राष्ट्रगान और ​तीन रंग वाले गुब्बारे छोड़ने के साथ ​हुआ।​ इन गुब्बारों ने आसमान में दूर-दूर तक फैलकर तिरंगा का एहसास कराया।​

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