इंफाल/नई दिल्ली। मणिपुर की एन. बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा-नीत राजग सरकार से समर्थन वापसी को लेकर राज्यपाल को पत्र लिखने पर जदयू के प्रदेश अध्यक्ष पर ही गाज गिर गयी। जदयू के केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश अध्यक्ष के. बीरेन सिंह के फैसले को गलत करार देते हुए उनको अध्यक्ष पद से हटा दिया। जदयू के केंद्रीय नेतृत्व ने कहा कि मणिपुर सरकार काे समर्थन जारी रहेगा।

जदयू के प्रदेश अध्यक्ष बीरेन सिंह ने बुधवार को राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को एक पत्र भेजकर पार्टी के एकमात्र विधायक अब्दुल नासिर के समर्थन वापस लेने की जानकारी दी। प्रदेश अध्यक्ष सिंह ने कहा कि राज्य के एकमात्र जदयू विधायक मोहम्मद अब्दुल नासिर अब विपक्ष में बैठेंगे। राज्यपाल भल्ला को भेजे पत्र में बीरेन सिंह ने कहा कि फरवरी-मार्च 2022 में हुए मणिपुर विधानसभा चुनाव में जदयू के छह उम्मीदवार जीते थे, लेकिन कुछ महीने बाद ही पांच विधायक भाजपा में शामिल हो गए। इन पांचों विधायकों के खिलाफ दल बदल के तहत स्पीकर के समक्ष मुकदमा लंबित है।

मणिपुर के पूरे राजनीतिक घटनाक्रम पर जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने मीडियाकर्मियों से कहा कि समर्थन वापसी की बात भ्रामक और निराधार है। पार्टी ने इसका संज्ञान लिया है और पार्टी की मणिपुर इकाई के अध्यक्ष बीरेन सिंह को उनके पद से मुक्त कर दिया गया है। मणिपुर में राजग सरकार को हमारा समर्थन जारी रहेगा। समर्थन वापसी पर मणिपुर इकाई ने केंद्रीय नेतृत्व से कोई संवाद नहीं किया और न ही उन्हें विश्वास में लिया गया। मणिपुर जेडीयू प्रमुख ने खुद ही पत्र लिखा था। पार्टी ने इसे अनुशासनहीनता मानते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की। हम राजग के साथ हैं।

इस पूरे घटनाक्रम पर भाजपा की प्रदेश अध्यक्ष शारदा अधिकारीमायुम देवी ने कहा कि सरकार से जदयू समर्थन वापस भी लेती है तो भी राज्य सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि 60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा में भाजपा के पास 37 सदस्य हैं। इसके अलावा नगा पीपुल्स फ्रंट के पांच और तीन निर्दलीय विधायकों का भी राज्य सरकार को समर्थन प्राप्त है।

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