विशेष
मोहब्बत की दुकान पर बेच रहे हैं देश विरोधी सामान
भारत विरोधी बयान देकर पूरी कांग्रेस को फंसा दिया पार्टी के युवराज ने
भले सपोर्ट में हैं कोंग्रेसी, लेकिन अंदर-अंदर कह रहे होंगे, फिर मुंह खोला युवराज ने
जब भी जनता कांग्रेस को गंभीरता से लेने पर विचार करती है, राहुल कांटा बो देते हैं
अब कोंग्रेसियों को ही विचार करना होगा कि देश को आगे रखना है, या राहुल गांधी के बयान को
नमस्कार। आजाद सिपाही विशेष में आपका स्वागत है। मैं हूं राकेश सिंह।
जैसे ही बुधवार को कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने पार्टी के नये आॅफिस के उद्घाटन के मौके पर कहा कि हमारी लड़ाई बीजेपी-आरएसएस के साथ इंडियन स्टेट के साथ भी है, तभी से देश में राहुल के इस बयान को लेकर प्रतिक्रियाएं आने लगी हैं। लोगों का कहना है कि ठीक है राहुल मोदी को बुरा भला बोल सकते हैं, आरएसएस को भी बोल सकते हैं, लेकिन देश के बारे में ऐसी सोच रखना कहीं से भी उचित नहीं है। चुनावों से एन पहले मोहब्बत की दुकान सजायी जाती है, लेकिन उसमें ऐसे नफरती सामान मिलने लगे तो लोग क्या करें। कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी ने यह कह कर कि वह देश के खिलाफ युद्ध लड़ रहे हैं, आखिर किस मानसिकता का परिचय दिया है। देश के खिलाफ कौन युद्ध लड़ता है, क्या राहुल गांधी को यह पता नहीं है। वास्तव में राहुल गांधी का देश को लेकर हालिया बयान इस आरोप की पुष्टि करता है कि कांग्रेस के युवराज न तो गंभीर राजनीति के लायक हैं और न ही उन्हें अपनी बात कहने का शउर है। यह पहली बार नहीं है कि राहुल गांधी ने विवादित बयान देकर कांग्रेस के लिए मुसीबत खड़ी की है, लेकिन यह पहली बार जरूर है कि उन्होंने देश के खिलाफ युद्ध का खुला एलान किया है, जैसा कि नक्सली और अलगाववादी करते हैं। राहुल गांधी के इस बयान के बाद स्वाभाविक रूप से सियासत तेज हो गयी है। भाजपा उन पर हमलावर है, जबकि कांग्रेस को रक्षात्मक मुद्रा अपनाने का भी अवसर नहीं मिल रहा है। कांग्रेस के नेता जानते हैं कि राहुल गांधी की बातों ने पूरे देश की भावनाओं को ठेस पहुंचायी है। अब तो यह भी कहा जाने लगा है कि यदि राहुल गांधी देश के खिलाफ युद्ध लड़ रहे हैं, तो उन्हें लोकसभा में क्यों रहने दिया जाये। देश की राजनीति में लगातार नकारे जा रहे राहुल गांधी आज एक जिम्मेवार पद पर हैं और उन्हें इस तरह की बात करने से पहले सोचना चाहिए कि उनकी बातों का क्या असर हो सकता है। बीजेपी ने इस बयान पर राहुल गांधी को घेरते हुए कहा कि ये सब अरबपति जॉर्ज सोरोस के एजेंडे का हिस्सा है। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राहुल गांधी और उनके नेटवर्क पर अर्बन नक्सलियों और डीप स्टेट से संबंध होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इनका मकसद भारत की छवि खराब करना है। नड्डा ने यह भी कहा कि मैं राहुल गांधी की यह स्पष्ट रूप से कहने के लिए प्रशंसा करता हूं कि वह इंडियन स्टेट से लड़ रहे हैं। यह कोई सीक्रेट नहीं है कि राहुल गांधी और उनके इकोसिस्टम के अर्बन नक्सल और डीप स्टेट के साथ घनिष्ठ संबंध हैं, जो भारत को बदनाम करना, अपमानित करना और बदनाम करना चाहते हैं। राहुल गांधी का भारत विरोधी बयान वास्तव में उनके उस नजरिये का परिचायक है, जिसमें वह खुद को तमाम कानूनों से ऊपर मानते हैं। क्या है राहुल गांधी के बयान का सियासी मतलब, बता रहे हैं आजाद सिपाही के विशेष संवाददाता राकेश सिंह।
आखिर किससे लड़ने की बात कर रहे हैं राहुल गांधी
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की राजनीति में लगातार नकारे जा रहे कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी एक बार फिर विवादों में घिर गये हैं। यह कोई मामूली विवाद नहीं है, बल्कि सीधे-सीधे भारत विरोधी और अलगाववाद का समर्थक है। राहुल गांधी ने बुधवार को कांग्रेस पार्टी के नये मुख्यालय के उद्घाटन के मौके पर अपने भाषण में कहा कि उनकी लड़ाई सिर्फ बीजेपी और आरएसएस से नहीं, बल्कि इंडियन स्टेट (भारतीय राज व्यवस्था) से भी है। ऐसा कहते हुए वह यह भूल गये कि इंडियन स्टेट में सिर्फ केंद्र सरकार या भाजपा शासित राज्य नहीं, बल्कि पूरा देश है, राष्ट्रपति जिसका अधिपति होता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 12 में इसकी परिभाषा और व्याख्या की गयी है। इंडियन स्टेट में एक संसद है, जिसमें आठ सौ के करीब सांसद हैं। राज्यों की विधानसभाएं और विधान परिषद हैं, जिनमें करीब सात हजार सदस्य हैं। स्थानीय निकाय हैं, जिनमें करीब 60 हजार सदस्य हैं। ग्राम पंचायत हैं, जिनमें करीब सवा तीन लाख सदस्य हैं। सुप्रीम कोर्ट है, जिसमें 30 जज हैं। देश भर में 24 हाइकोर्ट हैं, जिनमें तीन सौ के करीब न्यायाधीश हैं। चार दर्जन के करीब आयोग और संवैधानिक संस्थाएं हैं, दुनिया की दूसरी सबसे ताकतवर सेना है। इंडियन स्टेट केवल एक समूह नहीं, एक संप्रभु समाज है, जिसकी नियति कोई राहुल गांधी नहीं तय कर सकता।
राहुल गांधी का यह बयान जितना निंदनीय है, उससे कहीं अधिक खतरनाक है। देश की सबसे बड़ी पंचायत में नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी पर बैठा व्यक्ति यदि देश के खिलाफ युद्ध का एलान करता है, तो इसे गंभीरता से लेना ही होगा। कानूनी तौर पर और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इंडियन स्टेट का प्रयोग किया जाता है। लेकिन राहुल गांधी ने उस देश का अपमान किया है, जिसने उन्हें सब कुछ दिया है। राहुल गांधी ने यह बयान देकर न केवल अपनी असली मानसिकता का परिचय दिया है, बल्कि उन्होंने यह भी बता दिया है कि उनकी मंशा क्या है। उन्हें यह समझना चाहिए कि वह कांग्रेस नेता होने के साथ देश की संसद के निर्वाचित सदस्य भी हैं और लोग उन्हें देखते-सुनते हैं। ऐसे में उन्हें शब्दों का चयन सोच-समझ कर करने की सलाह कोई भी नागरिक दे सकता है।
राहुल गांधी के बयान को अगर दूसरे नजरिये से देखा जाये और ऐसा बयान कोई अलगाववादी संगठन देता, तब तो अलग मायने ही निकलता। तब यह कहा जाता कि अमुक संगठन देश के खिलाफ खुली लड़ाई का एलान कर रहा है। राहुल गांधी ने यह बयान देकर उन माओवादियों-अलगाववादियों का समर्थन कर दिया है, जिन्हें भारतीय संविधान में भरोसा नहीं है।
हर मुद्दे पर घिरते रहे हैं राहुल गांधी
राजनीति में आने के बाद से राहुल गांधी हर मुद्दे पर घिरते रहे हैं। चाहे जातिगत जनगणना हो, देश के संसाधनों के बराबर बंटवारे का मुद्दा हो या आरक्षण बढ़ाने की बात हो, राहुल गांधी हर बार मुंह की खाते हैं। वह हाथ में संविधान लेकर दिखाते जरूर हैं, लेकिन उसी संविधान में जिस भारत की बात है, उसके खिलाफ युद्ध की बात करते हैं।
आखिर कब सीखेंगे राहुल गांधी
राहुल गांधी के बयान की चौतरफा भर्त्सना हो रही है। लोग अब उनकी मानसिकता पर सवाल उठाने लगे हैं। ऐसा नहीं है कि उन्होंने पहली बार ऐसा बयान दिया है। विपक्ष के नेता के रूप में उन्होंने पिछले सात-आठ महीने में कई ऐसे बयान दिये हैं, जो विवादों में रहे। इनमें सबसे ज्यादा चर्चा में रहा लोकसभा चुनावों में धांधली का उनका आरोप। उन्होंने लोकसभा चुनाव के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा के दौरान यह बयान दिया था। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जब भी राहुल गांधी को गंभीरता से लेने की बात आती है, वह ऐसे बयान दे देते हैं, जो उनकी छवि को नुकसान पहुंचाते हैं। इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ। राहुल गांधी ने इस बार तो सारी हदें पार कर दीं और सीधे-सीधे देश के खिलाफ युद्ध लड़ने की बात कह गये।
राहुल गांधी के इस बयान के बाद सवाल उठता है कि आखिर कांग्रेस पार्टी अपने युवराज को बोलना कब सिखायेगी। ऐसा क्या होता है कि वह रह-रह कर इस तरह के बयान देने लगते हैं। इससे पहले भी राहुल गांधी ने अपनी एक विदेश यात्रा के दौरान कहा था कि भारत में लोकतंत्र खत्म हो गया है।
भारत विरोधी बयान देते समय राहुल गांधी शायद यह भूल गये कि वह जो कुछ कह रहे हैं, उसका अधिकार उन्हें उसी देश के संविधान ने दिया है, जिसकी सर्वोच्च पंचायत के वह सदस्य हैं। उनके संबोधन से कहीं नहीं लगता कि वह भारतीय लोकतांत्रिक मूल्यों को समझते हैं, बल्कि उनके संबोधन से नफरत की ही बू आती है। आज जहां भारत सनातन संस्कृति के गौरव को फिर से प्रतिष्ठित कर लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूती दे रहा है, वहीं राहुल गांधी भारत के खिलाफ युद्ध का एलान करते हैं। यह कितनी हास्यास्पद बात है और अपरिपक्व भी।
राहुल गांधी के बयान के बाद से कांग्रेसी भी भौंचक्के हैं। उन्हें पता चल गया है कि राहुल गांधी की लोकप्रियता इस बयान के बाद खत्म हो गयी है। इसका नुकसान कांग्रेस को उठाना होगा। इसलिए कांग्रेसी ही नहीं, पूरा देश राहुल गांधी की इस अपरिपक्वता पर अचरज ही व्यक्त नहीं कर रहा है, बल्कि शर्म भी महसूस कर रहा है कि उसने कैसे इस घटिया मानसिकता वाले व्यक्ति को नेता प्रतिपक्ष की बड़ी संवैधानिक जिम्मेदारी सौंप दी है।
राहुल गांधी का बयान देश के खिलाफ जंग का एलान: जयराम ठाकुर
हिमाचल प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस मुख्यालय के उद्घाटन के मौके पर राहुल गांधी द्वारा दिया गया बयान देश के खिलाफ जंग का एलान है। किसी नेता से इस तरह के बयान की उम्मीद नहीं की जा सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोध करते-करते राहुल गांधी अब देश के विरोध पर उतर आये हैं। यह शर्मनाक बात है। इंडियन स्टेट से लड़ाई की बातें हमेशा एंटी नेशनल एलिमेंट्स के द्वारा ही की जाती रही हैं और आज देश के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के सर्वेसर्वा भी वही बात कर रहे हैं। राहुल गांधी भारत के संविधान की शपथ लेते हैं और साथ ही कहते हैं कि वी आर फाइटिंग द इंडियन स्टेट इटसेल्फ’। क्या विपक्ष के नेता से इस तरह के बयान की उम्मीद की जा सकती है? उन्हे पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि जब पूरा देश सेना दिवस मना रहा था। देश की सेना के बलिदान शौर्य साहस का गुणगान और नमन कर रहा था। उस समय देश के नेता प्रतिपक्ष इंडियन स्टेट के खिलाफ लड़ाई का इरादा जता रहे थे। इंडियन स्टेट का मतलब भारत का सब कुछ। जो कुछ भी भारत के हित के लिए है, भले के लिए है, भारत के लोगों की लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए है, भारत की संप्रभुता, सुरक्षा, संरक्षा के लिए काम कर रहा है, सब कुछ इंडियन स्टेट है और राहुल गांधी उसी के खिलाफ लड़ने की बात कर रहे हैं। आखिर कांग्रेस देश के खिलाफ इस तरह का मंसूबा क्यों रखती है? जयराम ठाकुर ने कहा कि राहुल गांधी के बयान से कांग्रेस का असली चेहरा और इरादा सामने आ गया है। जिस समय राहुल गांधी द्वारा इतनी आपत्तिजनक बातें की जा रही थीं उस समय हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री वहीं मौजूद थे और उन्होंने उनकी इस बात का प्रतिकार नहीं किया। यह प्रदेश के लोग जानना चाहते हैं कि क्या हिमाचल प्रदेश सरकार के मुखिया और कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी की बात से सहमत हैं या नहीं? अगर हिमाचल के नेता राहुल गांधी के बयान से सहमत हैं तो वह खुल कर सामने आयें और अगर असहमत हैं तो अपने नेता का विरोध करें।