रांची। राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर मोरहाबादी मैदान में झंडोत्तोलन किया। अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि हमारा लोकतंत्र विश्व का सबसे बड़ा और जीवंत लोकतंत्र है।
हमारे इस महान लोकतंत्र का आधार है- हमारा संविधान। हमारा संविधान लोकतंत्र का एक पवित्र ग्रंथ है, जो हम सभी के लिए एक मार्गदर्शक है। हमारा कर्तव्य है कि हम इसका पूरा सम्मान करें, क्योंकि संविधान किसी भी राष्ट्र की शासन प्रणाली का मजबूत आधार होता है। हमारा संविधान शासन की प्रकृति और प्रक्रिया को परिभाषित करता है। इसी के माध्यम से विभिन्न लोकतांत्रिक संस्थाओं की स्थापना और उनके काम-काज के नियम निर्धारित किये जाते हैं।
राज्यपाल ने जनप्रतिनिधियों से अपील किया कि वह संविधान के अनुसार अपने कार्यों व कर्तव्यों का निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में निर्वाचित जन प्रतिनिधि अपना पद संभालने से पहले संविधान की शपथ लेते हैं।
उन्होंने कहा, झारखंड के सभी निर्वाचित जन प्रतिनिधियों से आह्वान करता हूं कि वे संविधान के अनुसार अपने कार्यों व कर्तव्यों का निर्वहन करें। हमारा संविधान अनेक शाश्वत मूल्यों को अपने-आप में समाये हुए है, जो हमारे मार्गदर्शक सिद्धांत हैं। हमें संविधान मे निहित मूल्यों को अत्यधिक सावधानी और सतर्कता के साथ संरक्षित करने की आवश्यकता है।
राज्यपाल ने कहा कि लोकतंत्र की सफलता की कुंजी सुशासन में है। गण के प्रति शासन-तंत्र की जवाबदेही में है। नागरिकों के प्रति प्रशासन की जिम्मेदारी को समझना और उसे पूरा करना सरकार का परम कर्तव्य है।
राज्य सरकार प्रदेश को खुशहाल बनाने एवं प्रगति की राह पर तेजी से आगे बढ़ाने के साथ अपने इस कर्तव्य का निर्वहन कर रही है और एक पारदर्शी, संविधाननिष्ठ और संवेदनशील, भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन की स्थापना की ओर अग्रसर है। हमारा झारखंड आज प्रत्येक क्षेत्र में लगातार आगे बढ़ रहा है।
झंडोत्तोलन से पहले राज्यपाल ने 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर दीपाटोली स्थित झारखंड युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण कर वीर शहीदों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की।