नयी दिल्ली। झारखंड में लोकसभा की 14 सीटों पर विपक्ष के महागठबंधन के बीच तालमेल का फार्मूला बुधवार को तय नहीं हो सका। कांग्रेस के बुलावे पर झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन और झाविमो के प्रदीप यादव और बंधु तिर्की यहां पहुंचे। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह और प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय कुमार के साथ उनकी लंबी बैठक हुई। बैठक में सीटों के तालमेल पर विस्तार से चर्चा हुई। राज्य की 14 में से 10 सीटों पर मामला सुलझा लिया गया, लेकिन चार सीटों पर पेंच फंस गया। जिन 10 सीटों पर तालमेल फाइनल हुआ, उनमें रांची, हजारीबाग, गिरिडीह, लोहरदगा, धनबाद, दुमका, राजमहल, चतरा, कोडरमा और चाईबासा शामिल है। जमशेदपुर, खूंटी, गोड्डा और पलामू सीट को लेकर पेंच फंस गया।
जानकारी के अनुसार रांची, हजारीबाग, चाईबासा और लोहरदगा पर कांग्रेस के लड़ने पर सहमति लगभग बन गयी है। बैठक में यह भी तय हो गया कि झामुमो गिरिडीह, दुमका और राजमहल से लड़ेगा, जबकि कोडरमा से झाविमो और चतरा से राजद अपना प्रत्याशी देगा। जमशेदपुर और खूंटी सीट पर कांग्रेस और झामुमो की दावेदारी है, जबकि गोड्डा पर कांग्रेस और झाविमो दावेदारी कर रहे हैं। पलामू सीट पर झामुमो, राजद और झाविमो दावा कर रहे हैं। इसलिए इन चार सीटों का मामला फंस गया।
जानकारी के अनुसार बैठक के दौरान हेमंत सोरेन ने विधानसभा सीटों का बंटवारा भी करने की बात कही। उन्होंने कहा कि जब तक विधानसभा सीटों का बंटवारा नहीं हो जाता, लोकसभा सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप नहीं दिया जा सकता। बैठक में तय हुआ कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से इस बाबत खुद हेमंत सोरेन बात करेंगे। ऐसी संभावना है कि यह बातचीत गुरुवार को हो सकती है। उसके बाद ही लोकसभा सीटों के तालमेल को अंतिम रूप दिया जायेगा।