रांची। विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी ने राज्य की प्रमुख सड़कों पर कल्वर्ट और पुलिया निर्माण में इंजीनियरिंग मैनुअल के आधार पर नहीं होने और डायवर्सन का गलत निर्माण होने का सवाल सदन में उठाया। इसका जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि मैनुअल का उल्लंघन नहीं हुआ है। अगर 99 प्रतिशत सड़कों का निर्माण हुआ है, तो 98 प्रतिशत सड़कें सही हैं। इसको चुनौती देते हुए सत्येंद्र नाथ तिवारी ने कहा कि अगर मेरा आरोप गलत हुआ, तो मैं विधायिकी से इस्तीफा दे दूंगा। विधायक ने कहा कि अगर मैं गलत कह रहा हूं, तो सरकार जांच करायें और मुझे गलत साबित करें। मामले को बढ़ता देख विधानसभा अध्यक्ष ने हस्तक्षेप करते हुए सरकार को जांच करने को कहा। मामले को बढ़ता देख विभागीय मंत्री ने कहा गढ़वा विधायक उन सभी सड़कों की सूची विभाग को सौंपें जो मानक के विपरीत बनी हैं। विभाग सभी सड़कों की उच्चस्तरीय जांच करा कर दोषियों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेगा।
मुआवजा देना तो दूर, आंकड़ा रखना भी जरूरी नहीं समझता विभाग
झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दौरान गढ़वा विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी ने विधानसभा में राज्य की प्रमुख सड़कों पर कल्वर्ट और पुलिया का निर्माण सिविल इंजीनियरिंग मैनुअल के आधार पर नहीं करने का मामला उठाते हुए कहा कि इंजीनियर और संवेदक की अनदेखी की वजह से गलत तरीके से राज्य की कई सड़कों पर ब्रेकर की भूमिका में पुल-पुलिया एवं कल्वर्ट का निर्माण किया गया है, जिससे राहगीरों को आवागमन के क्रम में दुर्घटना का शिकार होना पड़ता है। सरकार मुआवजा देना तो दूर, आंकड़ा रखना भी जरूरी नहीं समझती।
झारखंड राज्य आवास बोर्ड (संशोधन) विधेयक 2019 पारित
रांची। झारखंड विधानसभा ने भोजनावकाश के बाद झारखंड राज्य आवास बोर्ड (संशोधन) विधेयक 2019 को मंजूरी प्रदान कर दी। राज्य के नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने सदन में झारखंड राज्य आवास बोर्ड संशोधन विधेयक 2019 को पेश किया। सदन ने इसे ध्वनि मत से मंजूरी प्रदान कर दी। इसके साथ ही सदन ने झारखंड खनिज क्षेत्र विकास प्राधिकार (संशोधन) विधेयक 2019 को भी ध्वनि मत से मंजूरी प्रदान कर दी। सदन ने केंद्र सरकार द्वारा लागू द ट्रांसप्लांटेशन आॅफ हयूमन आॅर्गेन एन टिसूज रूल्स 2014 को भी अंगीकार कर लिया। इसके बाद सभा अध्यक्ष दिनेश उरांव ने सदन की कार्यवाही गुरुवार को 11 बजे दिन तक के लिए स्थगित कर दी।
संवेदक एवं इंजीनियर डायवर्सन के पैसे की करते हैं बंदरबांट
विधायक ने कहा कि संवेदक एवं इंजीनियर के द्वारा डायवर्सन के पैसे की बंदरबांट कर देने की वजह से सही डायवर्सन नहीं बन पाता है, जिससे आये दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। उन्होंने कहा कि संवेदक और इंजीनियर की लापरवाही की वजह से अभी तक पूरे राज्य में हजारों बेगुनाह राहगीरों की जानें चली गयी हैं तथा मृतकों के परिवारों को मुआवजा भी नहीं मिल पाता है। उन्होंने सैंकड़ों लोगों की जान जानें की बात कहीं। साथ ही मुआवजा देने की बात कही। जवाब मिलने पर उन्होंने कहा कि राज्य में सड़क बनानेवाली कई कंस्ट्रक्शन कंपनियां एवं इंजीनियर मनमाने ढंग से काम कर रहे हैं। विधायक ने सरकार से वैसी सभी सड़कों की जांच करा कर दोषी इंजीनियर और संवेदक पर कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने गढ़वा जिला से गुजरनेवाली एनएच 75 और शाहपुर-गढ़वा पथ का जिक्र करते हुए कहा की कंपनी द्वारा पुल-पुलिया और डायवर्सन बनाने के क्रम में सड़क पर गड्ढा खोद कर साल साल भर छोड़ दिया जाता है और जब काम शुरू होता है तो कंपनी मानक के विरुद्ध जाकर निर्माण कार्य करती है, जिससे सिर्फ गढ़वा जिला में सैकड़ों लोग काल के मुंह में समा गये।
विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी ने की सड़क निर्माण की मांग
गढ़वा विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी ने गढ़वा-रंका विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ओबरा से बुढ़ी गम्हार होते हुए गोबरदाहा तक, एनएच 75 नारायणपुर से सेमरिया टोला-अंचला होते हुए तिवारी मरहटिया पक्की सड़क तक, प्रतापपुर मध्य विद्यालय से निमार्णाधीन पानी टंकी होते हुए गुरदी बस्ती तक एवं लखना बाजार से डुमरिया बीच बस्ती होते हुए मसूरिया अनुसूचित टोला तक अविलंब सड़क पक्की करण की मांग मांग की। विधायक ने कहा कि उपरोक्त सड़कों का निर्माण नहीं होने की वजह से आम जनों को आवागमन में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है तथा लोगों के मन में सड़क नहीं बनने की वजह से आक्रोश का माहौल है। विधायक ने सरकार से इसी वित्तीय वर्ष में सभी सड़कों के निर्माण की मांग की।