नयी दिल्ली। भारतीय सेना ने मंगलवार को पुलवामा आतंकी हमले का बदला ले लिया। पुलवामा हमले के 12 दिन बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में 50 किलोमीटर अंदर तक घुस कर कई आतंकियों को मार गिराया है। भारतीय वायुसेना द्वारा किये गये हमले की पुष्टि करते हुए भारत साफ किया किया कि भारतीय लड़ाकू विमानों ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया है। इस हमले में जैश के कई आतंकी मारे गये हैं।
भारतीय वायुसेना द्वारा 1971 के युद्ध के बाद पहली बड़ी कार्रवाई कुल 21 मिनट तक चली। इस आपरेशन में दर्जन भर मिराज 2000 विमानों ने हिस्सा लिया और उन्होंने बालाकोट, मुजफ्फराबाद और चिकोटी में आतंकी ठिकानों पर एक हजार किलो बम गिराये। लेजर गाइडेड इन बमों के प्रहार से आतंकी संगठनों, लश्कर, जैश और हिज्बुल के शीर्ष कमांडरों समेत साढ़े तीन सौ से अधिक आतंकी मारे गये। भारतीय पक्ष को कोई नुकसान नहीं हुआ और सभी विमान सुरक्षित अपने ठिकाने पर लौट गये। आॅपरेशन तड़के साढ़े तीन बजे शुरू हुआ और 18 मिनट की उड़ाने के बाद 21 मिनट तक पाकिस्तान में तबाही मचाने के बाद ये लड़ाकू विमान पंजाब के आदमपुर एयर बेस पर सुबह सवा चार बजे खड़े हो गये थे।
भारतीय वायुसेना के सूत्रों के हवाले से बताया गया कि 26 फरवरी की तड़के भारतीय लड़ाकू विमान मिराज 2000 के एक समूह ने एलओसी पार कर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी कैंप पर बमबारी की और उसे पूरी तरह से नष्ट कर दिया। आतंकी कैंप पर एक हजार किलो बम गिराये गये। इस अभियान में 12 मिराज विमानों ने हिस्सा लिया। बालाकोट, चकोटी और मुजफ्फराबाद के एलओसी स्थित आतंकी कैंप लांच पैड को वायुसेना ने हवाई हमलों में पूरी तरह से नष्ट कर दिया। जैश-ए-मोहम्मद के नियंत्रण कक्ष को पूरी तरह से तबाह कर दिया गया।
वायुसेना की कार्रवाई के बाद राष्टय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसकी पूरी जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने तत्काल सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक बुलायी। इसमें गृह मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, वित्त मंत्री अरुण जेटली, राष्टय सुरक्षा सलाहकार और केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा शामिल हुए। बैठक में स्थिति की समीक्षा की गयी और आंतरिक सुरक्षा को लेकर की गयी तैयारियों का जायजा लिया गया।
भारत सरकार की ओर से विदेश विजय गोखले ने इस हमले के बारे में आधिकारिक जानकारी दी। दिन में करीब साढ़े 11 बजे उन्होंने मीडिया से कहा कि पुख्ता खुफिया सूचना के बाद भारत ने जैश के ठिकानों पर असैनिक कार्रवाई की है। विजय गोखले ने कहा, ‘इस सूचना के बाद कि जैश के आतंकी भारत में और आत्मघाती हमले करने के फिराक में है, भारत द्वारा हमला करना जरूरी हो गया था। हमने बालाकोट में जैश के ट्रेनिंग कैंप पर हमला किया, जिसमें कई बड़े आतंकी, सीनियर कमांडर और जेहादी मारे गये हैं।’
सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान के एफ16 विमान ने भारतीय वायुसेना के मिराज 2000 को जवाबी कार्रवाई देने की कोशिश की, लेकिन भारतीय फॉर्मेशन के आकार के कारण वह ऐसा नहीं कर पाये। इस अभियान को पश्चिमी एयर कमांड ने अंजाम दिया। वायुसेना के मिराज ने जिस लक्ष्य को नष्ट किया, उनमें से एक पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा का क्षेत्र भी शामिल है। वायुसेना ने इस अभियान के लिए लेजर गाइडेड बम का इस्तेमाल किया। जिन एयरबोर्न अर्ली वार्निंग विमानों (अवाक्स) का इस्तेमाल इस अभियान में किया गया, उन्हें भारत ने इजरायल से खरीदा है। पिछले तीन दिनों से हिंडन एयरबेस पर इस तरह के विमानों को अलर्ट पर रखा गया है।
सीमा पर तनाव के मद्देनजर भारतीय वायुसेना ने अपने सभी अतंरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर स्थित एयर डिफेंस सिस्टम को हाइ अलर्ट पर रहने के लिए कहा है। ऐसा पाकिस्तानी सेना की तरफ से होने वाली संभावित कार्रवाई के मद्देनजर किया गया है।