वनों पर आश्रित कोई भी परिवार विस्थापित नहीं होगा : रघुवर
आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। वन पट्टा को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद रघुवर सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सोमवार को खेलगांव स्थित गेस्ट हाउस में इसे लेकर अहम समीक्षा बैठक की। इसमें सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार के लिए याचिका दाखिल करने का निर्णय लिया गया। साथ ही सीएम रघुवर दास ने कहा कि वनों पर आश्रित कोई भी परिवार या व्यक्ति विस्थापित नहीं किया जायेगा। वनाश्रित परिवारों के हितों की रक्षा के लिए सरकार कृतसंकल्पित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के न्यायादेश के आलोक में पुनर्विचार के लिए जल्द ही राज्य सरकार याचिका दायर करेगी। सरकार इसी तरह कोर्ट में इस आशय का हलफनामा दायर करेगी कि वन भूमि में रह रहे लोग अतिक्रमणकारी नहीं हैं। किसी को विस्थापित नहीं किया जायेगा।
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की समीक्षा करते हुए सीएम ने निर्देश दिया कि न्यायादेश के आलोक में पुनर्विचार के लिए राज्य सरकार पुनर्विचार याचिका दायर करेगी। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में कार्रवाई करने का निर्देश दिया। राज्य के जनजातीय समुदायों एवं अन्य परिवारों को उन्होंने यह स्पष्ट किया कि उन्हें विस्थापित नहीं किया जायेगा।
बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से वनों पर आश्रित आदिवासी परिवारों के समक्ष अस्तित्व का संकट उत्पन्न हो गया है। अगर इस फैसले को आधार बनाया जाये, तो झारखंड के जंगलों में रहने वाले 30 हजार आदिवासी और परंपरागत समुदाय से जुड़े परिवार वन भूमि से बेदखल कर दिये जायेंगे। ऐसे में राज्य सरकार से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप की उम्मीद की जा रही थी। बीते दिनों भाजपा सरकार की सहयोगी आजसू पार्टी के मुखिया सुदेश महतो ने भी कहा था कि सरकार को चाहिए कि वह कोर्ट में पुनरावलोकन याचिका दायर कर अपना पक्ष मजबूती से रखें।