जम्मू। पुलवामा हमले के बाद भारतीय सेना पूरी तरह एक्शन में आ गयी है। सोमवार को हुई मुठभेड़ में सेना ने आतंकियों की कमर तोड़ दी। पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड को मार गिराने के बाद सेना ने साफ कर दिया है कि जम्मू कश्मीर में जो बंदूक उठायेगा, गोली खायेगा। मंगलवार को सेना द्वारा की गयी कार्रवाई के संबंध में सेना और सीआरपीएफ की संयुक्त प्रेस वार्ता हुई। इस दौरान सेना के अधिकारी चिनार कॉर्प्स के कॉर्प्स कमांडर कंवलजीत सिंह ढिल्लन ने बताया कि उन्होंने आतंकी हमले के एक सौ घंटे के अंदर ही इसके दोषियों को उनके अंजाम तक पहुंचा दिया। इसके साथ ही सेना अधिकारियों ने जम्मू-कश्मीर के भटके हुए उन युवाओं को सरेंडर कर मुख्य धारा में शामिल होने की अपील की। उन्होंने कहा कि जिन माताओं के बच्चे भटक गये हैं, यह उनकी जिम्मेदारी है कि उन्हें समझा कर आत्मसमर्पण करायें। इसके लिए सरकार की पॉलिसी भी है।
लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन जीओसी चिनार कॉर्प्स ने कहा कि सेना ने आतंकी हमले के एक सौ घंटे के अंदर ही इसके दोषियों को उनके अंजाम तक पहुंचा दिया है। ढिल्लन ने कहा कि पुलवामा में हुए आत्मघाती आतंकी हमले के पीछे जैश-ए-मोहम्मद और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ का हाथ है। पाकिस्तान का सौ फीसदी इनवॉल्वमेंट है। इसमें हमें और आपको कोई शक नहीं है। उन्होंने कश्मीरी आतंकवादियों की माताओं से आग्रह कर कहा कि वे अपने बेटों को समर्पण के लिए समझायें, हथियार उठाने वाले किसी को भी बख्शा नहीं जायेगा। सेना उनका खात्मा करने को मजबूर होगी।
सेना ने कहा कि आतंकी या तो हथियार छोड़ दें या फिर ढेर होने के लिए तैयार रहें। घाटी में कितने गाजी आये और कितने चले गये। जो आतंकी कश्मीर में आयेगा, जिंदा नहीं बचेगा। अधिकारी ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद को पाकिस्तान आर्मी का बच्चा कहा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में घाटी से आतंकियों के सफाये का आॅपरेशन जारी रहेगा और उन्हें चुन-चुनकर मारा जायेगा।
कश्मीर पुलिस के आइजी एसपी पाणि ने कहा कि बीते साल जैश के 56 आतंकी मारे गये और अब तक इस साल भी मारे गये 31 आतंकियों में से 12 जैश के थे।
उन्होंने कहा, हम सरेंडर करने वालों के लिए कई तरह के अच्छे कार्यक्रम चला रहे हैं, लेकिन आतंकी वारदातों में शामिल रहने वालों के लिए कोई रहमदिली नहीं दिखायी जायेगी। उन्होंने सभी शहीदों को श्रद्धांजलि दी और कहा, ‘कल के आॅपरेशन में फ्रंट पर लीड करने वाले हमारे ब्रिगेडियर हरदीप छुट्टी पर थे, लेकिन जब उन्हें पुलवामा मुठभेड़ के बारे में पता चला तो वह छुट्टी छोड़कर आधी रात को ड्यूटी पर तैनात हुए।
सीआरपीएफ के आइजी जुल्फिकार हसन ने कहा देश के विभिन्न हिस्सों में पढ़ने वाले कश्मीरी बच्चों के लिए भी हम हेल्पलाइन चला रहे हैं, ताकि उन्हें किसी भी अप्रिय स्थिति का सामना नहीं करना पड़े। सेना के आॅपरेशन में किसी स्थानीय को कोई चोट न पहुंचे, इसका ध्यान रखा गया था।
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