श्रीनगर/नई दिल्ली: पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर आतंकी हमले के बाद से जम्मू-कश्मीर में हलचल है। इस बीच केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में कई मोर्चों पर मुस्तैदी दिखाते हुए एक तरफ कट्टरवादी पर नकेल कसी है तो दूसरी ओर फोर्स की तैनाती में भी इजाफा किया है। सूबे को हाई अलर्ट पर रखा गया है। सरकार की ये गतिविधियां बताती हैं कि आने वाले दिनों में जम्मू-कश्मीर में कुछ अहम घटनाक्रम देखने को मिल सकता है। शुक्रवार की शाम को घाटी में सक्रिय अलगाववादी नेता यासीन मलिक को गिरफ्तार किया गया है और जमात-ए-इस्लामी के करीब दर्जन भर नेताओं को अरेस्ट किया गया है। एक तरफ सरकार पुलवामा अटैक से जुड़े आतंकियों पर शिकंजा कसने की कोशिश में है तो दूसरी तरफ 35A जैसे संवेदनशील मसले पर सोमवार से शुरू हो रही सुनवाई को लेकर भी तैयारियां की जा रही हैं।
सुप्रीम कोर्ट की ओर से यदि 35A को हटाने या फिर उसमें बदलाव जैसा आदेश आता है तो कट्टरपंथियों की ओर से घाटी में बवाल की आशंका है। ऐसे में सरकार ने ऐहतियात के तौर पर उन्हें गिरफ्तार करने या फिर नजर रखने जैसे कदम उठाए हैं।
अर्धसैनिक बलों की 100 अतिरिक्त कंपनियां भेजीं
इसी के मद्देनजर सरकार ने जम्मू-कश्मीर में तत्काल प्रभाव से अर्धसैनिक बलों की 100 अतिरिक्त कंपनियों को तैनात किया है। इनमें 45 सीआरपीएफ, 35 बीएसएफ, 10 एसएसबी और 10 आईटीबीपी की कंपनियां शामिल हैं।
सहमा पाकिस्तान भी तैयारियों में जुटा
एक तरफ भारत ने सीमा समेत पूरे राज्य में निगरानी बढ़ा दी है तो सीमा पार पाकिस्तान भी युद्ध जैसी कार्रवाई के डर से सहमा हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हाल ही में पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने एलओसी का दौरा किया और हालात का जायजा लिया। पाकिस्तान ने अपने कब्जे वाले कश्मीर के लोगों को बेवजह से घरों से बाहर निकलने और रात में लाइटें जलाने तक न जलाने की हिदायत दी है।