पैरिस : आतंकवाद का पालन-पोषण करने वाले पाकिस्तान के सभी पैंतरे फेल हो गए हैं। फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) में अब तक बचते-बचाते आ रहे पाकिस्तान की उम्मीदें खत्म होती दिख रही हैं। दरअसल, सूत्रों ने बताया है कि एफएटीएफ के उपसमूह ने आतंकवाद की वित्तीय मदद रोकने में विफल रहने पर पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ में बने रहने देने की सिफारिश की है। हालांकि अंतिम निर्णय शुक्रवार को होगा। पाक प्रधानमंत्री इमरान खान ने आतंकवाद की फंडिंग रोकने के कितने सबूत एफएटीएफ को दिए हैं, उस पर संदेह है। पाक की इकलौती उम्मीद मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज मोहम्मद सईद को हाल में दी गई 11 साल की सजा से ही है।

सूत्रों की मानें तो पाकिस्तान आगे भी ग्रे लिस्ट में बना रह सकता है। पाकिस्तान के लिए यह बड़ा झटका है क्योंकि अगर एफएटीएफ पाकिस्तानी सबूतों से संतुष्ट नहीं हुआ तो उसे आखिर में ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर निकालने में तुर्की और मलयेशिया ने कोई कसर नहीं छोड़ी पर नाकाम रहे

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