रांची। झारखंड कैडर के पूर्व पीसीसीएफ संजय कुमार पर गाज गिर सकती है। भारत सरकार ने राज्य के निगरानी विभाग से जानकारी मांगी है कि पीसीसीएफ संजय कुमार के खिलाफ कोई चार्ज है या नहीं, यदि है, तो क्या। वहीं, पीसीसीएफ संजय कुमार का मामला फिलहाल लोकायुक्त के पास लंबित है। लोकायुक्त ने पीसीसीएफ के खिलाफ निगरानी जांच के अनुशंसा की है। पीसीसीएफ ने यह जानकारी अब तक भारत सरकार को नहीं दी है। उधर, संजय कुमार का नाम केंद्र में डीजी के लिए शॉर्ट लिस्ट कर लिया गया है।
क्या हैं आरोप
पिछले 23 दिसंबर को झारखंड के प्रधान मुख्य वन संरक्षक संजय कुमार का सेंट्रल डेप्यूटेशन में जाने का नोटिफिकेशन हुआ। उसी दिन दोपहर में उन्होंने जूनियर अफसर शशिनंद कुलियार को पीसीसीएफ की गद्दी थमा दी। यह आइएफएस महकमे में चर्चा का विषय बन गया। इसकी चर्चा आइएफएस महकमे में तेजी से फैली। शशिनंद कुलियार 1986 बैच के अफसर हैं, जबकि इस प्रक्रिया में उनसे सीनियर 1984 बैच के अफसरों की अनदेखी की गयी।
हड़बड़ी में केंद्र में एक पद नीचे ज्वाइन किया: पूर्व पीसीसीएफ संजय कुमार को सेंट्रल डेप्यूटेशन में जाने की इतनी हड़बड़ी थी कि काउंटिंग के दिन ही दोपहर 2 बजे के बाद दिल्ली के फ्लाइट पकड़ ली। खास तो यह रहा कि सेंट्रल में उन्होंने अपने ओहदे से एक पद नीचे ही ज्वाइन कर लिया। वह केंद्र में एडिशनल डायरेक्टर जनरल फॉरेस्ट कंजरवेटर बनाये गये हैं। पीसीसीएफ हेड आॅफ फोर्स का पद मुख्य सचिव रैंक का होता है। संजय कुमार झारखंड में लेवल 17 के पद पर थे, लेकिन केंद्र में उन्होंने लेवल 16 पर ही ज्वाइन किया। पूर्व पीसीसीएफ संजय कुमार कई शिकायतों के घेरे में भी हैं। उनपर आइएफएस अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का भी आरोप है। लोकायुक्त के पास पर्यावरण दिवस को लेकर मामला चल रहा है।

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