-राज्यपाल के अभिभाषण से शुरू होगा सत्र
-नयी स्थानीय नीति समेत कई विधेयकों पर होगी चर्चा
-सत्ता पक्ष और विपक्ष की तैयारी पूरी
आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। झारखंड की पांचवीं विधानसभा का चौथा बजट सत्र 27 फरवरी से शुरू हो रहा है। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन के अभिभाषण के साथ शुरू होनेवाले इस सत्र की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं। सत्र में विपक्षी दल रोजगार, विधि-व्यवस्था और भ्रष्टाचार समेत अन्य मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे। उधर सत्ता पक्ष ने भी विपक्ष के हर हमले का करारा जवाब देने की तैयारी की है। 3 मार्च को वित्तीय वर्ष 2023-24 का वार्षिक बजट पेश किया जायेगा। हेमंत सोरेन सरकार का यह चौथा बजट होगा। इससे पहले लगातार पांच बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड पूर्व सीएम सह वित्त मंत्री रघुवर दास के नाम था। वर्तमान वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव अब दूसरे नंबर पर आ जायेंगे।
बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन का अभिभाषण होगा। इसी महीने राज्यपाल के रूप में शपथ लेनेवाले सीपी राधाकृष्णन का यह पहला अभिभाषण होगा। सत्र के दूसरे दिन अनुपूरक बजट पेश किया जायेगा। 2 मार्च को विधानसभा में आर्थिक सर्वेक्षण भी पेश किया जायेगा, जिसमें विकास की रफ्तार की जानकारी मिलेगी। बजट सत्र के दौरान राज्य सरकार की ओर से नयी स्थानीय नीति से संबंधित विधेयक को भी पेश किया जा सकता है। इसके अलावा कई अन्य महत्वपूर्ण विधेयकों को भी सभा पटल पर रखे जाने की संभावना है।

1.11 लाख करोड़ का हो सकता है बजट
पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 की तुलना में इस बार ज्यादा राशि का प्रावधान बजट में होने की उम्मीद है। पिछली दफा 1.01 लाख करोड़ का बजट पेश किया गया था। इस बार उम्मीद जतायी जा रही है कि 1.11 लाख करोड़ से ज्यादा का बजट आ सकता है। बजट को लेकर लोगों की निगाहें सरकार पर हैं। लोग उम्मीद लगाये बैठे हैं कि बढ़ती महंगाई और चुनौतियों के बीच सरकार जनाकांक्षा के अनुरूप बजट लायेगी।

‘हमीन कर बजट’ की दिखेगी हकीकत
हेमंत सरकार ने इस वर्ष के बजट की तैयारी से पहले और लोगों की भावनाओं से जुड़ने के लिए बजट का नामकरण ‘हमीन कर बजट’ किया था। विशेषज्ञों के मुताबिक राज्य की तीन चौथाई आबादी खेती-किसानी पर आश्रित है। इसे ध्यान में रखते हुए और ‘हमीन कर बजट’ पर मिले सुझाव के मुताबिक इस सेक्टर पर सरकार ज्यादा फोकस दिखा सकती है।

पक्ष-विपक्ष की तैयारियां पूरी
बजट सत्र को लेकर पक्ष-विपक्ष की ओर से भी अपनी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं। भाजपा और आजसू पार्टी रोजगार, विधि व्यवस्था और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश करेंगी। इसके अलावा सत्ता पक्ष के कुछ नाराज विधायक भी जनहित के मुद्दे पर अपनी ही सरकार के समक्ष मुश्किल खड़ा कर सकते हैं।

यूपीए विधायक दल की बैठक में बनी रणनीति
रविवार को मुख्यमंत्री आवास पर यूपीए विधायक दल की बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने की। बैठक में सत्र के दौरान अपनायी जानेवाली रणनीति को अंतिम रूप दिया गया। यह तय किया गया कि सदन में विपक्ष के हर हमले का करारा जवाब दिया जायेगा। बैठक में झामुमो, कांग्रेस और राजद के सभी विधायक शामिल हुए।

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