नई दिल्ली। गृह मंत्रालय ने यूएपीए के तहत खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) और जम्मू-कश्मीर ग़ज़नवी फोर्स (जेकेजीएफ) को आतंकवादी संगठन घोषित किया है। साथ ही बब्बर खालसा इंटरनेशनल से जुड़े हरविंदर सिंह संधू को आतंकवादी घोषित किया है।

केंद्र सरकार अब तक गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के प्रावधानों के तहत 44 संगठनों को आतंकवादी संगठन और 53 व्यक्तियों को आतंकवादी घोषित कर चुकी है। गृह मंत्रालय के अनुसार राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने और आतंकवाद का सभी रूपों में मुकाबला करने के लिए गृह मंत्रालय ने आज एक व्यक्ति को आतंकवादी और दो संगठनों को ‘आतंकवादी संगठन’ घोषित किया।

खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) का उद्देश्य पंजाब में दोबारा आतंकवाद फैलाना है। संगठन पंजाब में लक्षित हत्याओं सहित विभिन्न आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देता है। जम्मू और कश्मीर ग़ज़नवी फोर्स (जेकेजीएफ) को जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की कोशिशों, नशीले पदार्थों और हथियारों की तस्करी और आतंकी हमलों को अंजाम देने में लिप्त पाया गया है। यह लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, तहरीक-उल-मुजाहिदीन, हरकत-उल-जिहाद-ए-इस्लामी आदि जैसे विभिन्न आतंकवादी संगठनों से अपने सदस्यों की भर्ती करता है।

उधर, संधू उर्फ रिंदा आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) से जुड़ा हुआ है और वर्तमान में सीमापार एजेंसियों के संरक्षण में पाकिस्तान के लाहौर से पंजाब में विभिन्न आतंकवादी गतिविधियां संचालित कर रहा है। उल्लेखनीय है कि आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को आगे बढ़ाते हुए केंद्र सरकार ने किसी व्यक्ति को आतंकवादी घोषित करने का प्रावधान शामिल करने के लिए अगस्त, 2019 में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) में संशोधन किया था। इस संशोधन से पहले केवल संगठनों को आतंकवादी संगठन घोषित किया जा सकता था।

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version