मुंबई। महाराष्ट्र में बिजली दर वृद्धि के खिलाफ विविध संगठनों ने एकजुट होकर 28 फरवरी को राज्यव्यापी आंदोलन करने का ऐलान किया है। विभिन्न संगठनों ने समन्वय समिति परिषद का गठन किया है। बिजली दरों में वृद्धि के खिलाफ राज्य के सभी जिलों में हजारों की संख्या में कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन करेंगे। मंगलवार, 28 फरवरी को प्रदेशभर में बिजली दर वृद्धि के खिलाफ आंदोलन का निर्णय लिया गया है। बिजली मामलों के जानकार व महाराष्ट्र राज्य वीज ग्राहक संगठन के अध्यक्ष प्रताप होगाडे के अनुसार महावितरण कंपनी ने 67,644 करोड़ रुपये के घाटे को कवर करने के लिए औसतन 37 प्रतिशत यानी 2.55 रुपये प्रति यूनिट की भारी वृद्धि की मांग का प्रस्ताव राज्य विद्युत नियामक आयोग में दायर किया है। इसके खिलाफ हजारों सुझाव और आपत्तियां आयोग के पास दायर की जाएंगी। इस बिजली दर वृद्धि के खिलाफ 5 फरवरी से 25 फरवरी तक प्रेस कॉन्फ्रेंस, बैठकें, सभाएं आयोजित करने के साथ ही बोर्ड, बैनर, हैंडबिल, फेसबुक, यूट्यूब, ट्विटर के माध्यम से जन जागरुकता अभियान चलाया जाएगा। साथ ही स्थानीय विधायकों, सांसदों व मंत्रियों से मिलकर इस दर वृद्धि को रद्द करने संबंधी ज्ञापन सौंपा जाएगा। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के साथ निर्णायक बैठक करने का प्रयास किया जाएग।

होगाडे के अनुसार 28 फरवरी को सुबह 11 बजे से पूरे राज्य में धरना-प्रदर्शन किया जाएगा और दर वृद्धि प्रस्ताव की होली जलाई जाएगी। इस मौके पर प्रदेशभर में जगह-जगह स्थानीय स्तर पर मार्च निकाला जाएगा। राज्य में जहां भी संभव हो, बिजली दरों में वृद्धि के खिलाफ ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित कर सरकार, कंपनियों और आयोग को भेजने का निर्णय लिया गया है। मौजूदा महावितरण दरें देश में सबसे अधिक हैं। मांग में इतनी बड़ी वृद्धि राज्य के सभी आम घरेलू और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ा झटका है। यह राज्य में आने वाले उद्योगों को रोक रहा है और मौजूदा उद्योगों को राज्य से बाहर धकेल रहा है। साथ ही यह कृषि क्षेत्र और किसानों को और अधिक संकट में डाल रहा है।

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