रांची। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सह विधायक अमित मंडल ने प्रदेश कार्यालय में कहा कि गठबंधन सरकार में युवाओं के साथ धोखा किया जा रहा है। 2019 से लेकर अब तक आयोजित जेपीएससी और जेएसएससी की सभी परीक्षा की जांच सीबीआइ से करायी जाये। उन्होंने कहा कि जेपीएससी का फुल फॉर्म मतलब झामुमो सरकार की सर्विस और कमीशन है। राज्य सरकार में कई विरोधाभास देखने को मिलते हैं।

नियुक्ति नियमावली, नियोजन नीति और भाषा का विवाद हुआ। राज्य के युवाओं से छुपा नहीं है। जेपीएससी और जेएसएससी को लेकर भाजपा शुरू से ही युवाओं के हक-अधिकार को लेकर सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई लड़ती रही है। राज्य सरकार ने भाजपा के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया, यहां तक कि संगीन धारा लगा कर प्राथमिकी दर्ज करायी। पेपर लीक मामले, अन्य ब्लैक लिस्टेड एजेंसी और सरकार के लोगों की मिलीभगत का प्रमाण राज्य की जनता देख रही है।

झारखंड प्रतियोगी परीक्षा विधेयक सरकार द्वारा युवाओं के आवाज को दबाने का एक षड्यंत्र है, जो सरकार के घोटालों के खिलाफ बोलेगा, वह जेल जायेगा। अमित मंडल ने कहा कि 2019 में ठाणे महाराष्ट्र में रेलवे भर्ती बोर्ड आरआरबी जेइ पेपर लीक मामले में सतवत इंफोसोल प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई को दोषी माना गया था। 2017 को आर्डिनेंस फैक्ट्री त्रिची नियुक्ति घोटाले में सीबीआइ ने इंफोसोल प्राइवेट लिमिटेड के नाम को चार्जशीट में डाला था। पूछा कि क्या कारण है कि लैब असिस्टेंट और जेएसएससी पीजीटी में सतवत इंफोसोल प्राइवेट लिमिटेड को शामिल किया था, जबकि लैब असिस्टेंट में छह प्रश्न और जेइ में 22 प्रश्न को रद्द कर दिया था।

अमित मंडल ने राज्य सरकार से चार बिंदुओं पर एक्शन लेने और जवाब देने की मांग की। प्रेस वार्ता में प्रदेश मीडिया सह प्रभारी अशोक बड़ाइक, युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष शशांक राज उपस्थित थे।

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