झारखंड में हेमंत सोरेन के इस्तीफे से पैदा हुआ सियासी संकट खत्म हो गया है। चंपई सोरेन ने राज्य के 12वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले ली है। उनके साथ आलमगीर आलम और सत्यानंद भोक्ता ने भी शपथ ली है। अब उन्हें 10 दिनों के अंदर बहुमत साबित करना होगी। वहीं दूसरी ओर महागठबंधन के 35 विधायकों को हैदराबाद भेजा जाएगा। ऐसा संभावित खरीद-फरोख्त को रोकने के लिए किया गया है। जानकारी के अनुसार, बहमत साहित करने में 10 दिन का समय है ऐसे में विधायक टूट सकते हैं। ऐसी स्थिति से बचने और सभी को एकजुट रखने के लिए विधायकों को तेलंगाना शिफ्ट किया गया है।

गुरुजी का आशीर्वाद लिया

चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले शिबू सोरेन से आशीर्वाद लिया। अपने गुरू का आशीर्वाद लेने के बाद चंपई ने कहा, ‘मैं शपथ लेने से पहले अपने गुरुजी (शिबू सोरेन) से आशीर्वाद लेने आया था। मैं झारखंड आदोंलन के दौरान उनसे जुड़ा। वह हमारे आदर्श हैं इसलिए मैं उनका आशीर्वाद लेने आया था। हम जल्द ही (बहुमत) साबित करेंगे।’

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