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    Home»Jharkhand Top News»इडी ने हेमंत की गिरफ्तारी के कारण बताये
    Jharkhand Top News

    इडी ने हेमंत की गिरफ्तारी के कारण बताये

    azad sipahi deskBy azad sipahi deskFebruary 2, 2024No Comments3 Mins Read
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    रांची। प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को रिमांड पर लेने के लिए अदालत में जो याचिका दायर की है, उसमें कई आरोप लगाये गये हैं। याचिका में कहा गया है कि आरोपी हेमंत सोरेन को पीएमएलए, 2002 की धारा 65 और 19 (3) के साथ सीआरपीसी की धारा 167 के तहत 10 दिनों की रिमांड पर सौंपा जाये। याचिका में आरोप लगाया गया है कि पीएमएलए की धारा 66 (2) के तहत झारखंड सरकार के साथ साझा की गयी जानकारी के आधार पर भानु प्रताप प्रसाद, राजस्व उप निरीक्षक के खिलाफ कई केस दर्ज किये गये थे। इसकी जांच के दौरान, मोरहाबादी, रांची में 4.55 एकड़ क्षेत्रफल वाली सेना के कब्जे वाली भूमि के फर्जी अधिग्रहण का पता चला। जांच में पता चला कि भानु प्रताप प्रसाद बलपूर्वक और गलत कार्यों के आधार पर संपत्ति अर्जित करने, सरकारी रिकॉर्ड में हेराफेरी करने, मूल राजस्व दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ करने के भ्रष्ट आचरण में शामिल सिंडिकेट का हिस्सा था। बाद में मामले की जांच और छापामारी के दौरान उक्त सरकारी कर्मचारी के कब्जे से 11 ट्रंक सरकारी दस्तावेज जब्त किये गये। इसके अलावा कई दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर फर्जी विवरण दर्ज किये जाने का भी पता चला। इसके बाद भानु प्रताप प्रसाद और जमीन हड़पने वाले सिंडिकेट के अन्य छह सदस्यों को गिरफ्तार किया गया।
    इडी ने कहा है कि भानु प्रताप प्रसाद अवैध तरीके से संपत्ति अर्जित करने के लिए अन्य व्यक्तियों के साथ साजिश रचने में सक्रिय रूप से शामिल थे, जिनमें हेमंत सोरेन भी शामिल थे। उनकी अवैध रूप से अर्जित/कब्जे वाली संपत्तियों का विवरण भी उनके मोबाइल फोन से जब्त किया गया है। इसके अलावा तलाशी के दौरान भानु प्रताप प्रसाद का मोबाइल फोन जब्त कर लिया गया और हिरासत में रहते हुए उनकी उपस्थिति में इसका डाटा निकाला गया। उक्त मोबाइल फोन में नकद लेनदेन, जमीन अधिग्रहण में दूसरों को अवैध लाभ पहुंचाने से संबंधित कई चैट और जानकारी की पहचान की गयी है। इनके अलावा हेमंत सोरेन द्वारा अवैध रूप से अर्जित और उनके अधिकार क्षेत्र में स्थित भूमि संपत्तियों की सूची वाली एक तस्वीर भी बरामद की गयी है, जिसका कुल क्षेत्रफल 8.5 एकड़ (लगभग) है। भानु प्रताप प्रसाद ने स्वयं उस निर्देश पर भूमि का भौतिक सत्यापन किया था, जो उन्हें सीएमओ से सर्कल अधिकारी के माध्यम से मिला था। भानु प्रताप प्रसाद ने इस पर कुछ बयान भी दिया था। याचिका में ऐसे 13 भूखंडों का विवरण दिया गया है। इडी ने कहा है कि पीएमएलए, 2002 की धारा 16 के तहत किये गये सर्वेक्षण में भी हेमंत सोरेन द्वारा उक्त संपत्ति पर अवैध कब्जे की पुष्टि की गयी है। यह तथ्य भी सामने आया कि उन भूखंडों से संबंधित सरकारी अभिलेखों और रजिस्टर के रिकॉर्ड में हेराफेरी करने की कोशिश की गयी थी, ताकि उक्त संपत्ति हेमंत सोरेन के नाम पर दर्ज की जा सके, जिसे इडी की समय पर कार्रवाई से विफल कर दिया गया।

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