मीन फर्जीवाड़े की जांच कर रही इडी शनिवार को बड़गाई अंचल कार्यालय पहुंचकर जांच की. वहीं 29 जनवरी को पंजी टू में सुधार कर चढाये गए नाम की भी जांच की. इस दौरान सीओ मनोज कुमार भी मौजूद थे. ईडी की टीम ने पूरी जमीन की जानकारी ली और उसके बाद जमीन की भी वीडियो रिकॉर्डिंग की. ईडी की टीम भानु प्रताप को भी साथ ले गई थी. ईडी की टीम ने अंचल कार्यालय में जमीन से जुड़े दस्तवेज को खंगाला. इडी राजस्व उपनिरीक्षक भानु प्रताप के घर से जमीन की ओरजिनल रजिस्टर बरामद की गई थी. भानु प्रताप प्रसाद के मोबाइल जांच में यह बात सामने आयी थी कि भानु प्रताप साजिश रचकर जमीन के ओरिजनल रजिस्टर में हेरफेर करता था. ओरिजनल रजिस्टर अपने पास ही रखता था. इस सिंडिकेट में कई अन्य लोगों की संलिप्तता के साक्ष्य इडी को मिले थे. इडी की टीम ने कई अन्य जानकारी ली. बता दें कि इडी की गिरफ्त में आये पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की ओर से कोर्ट के समक्ष दो अहम दस्तावेज पेश किए गए. जिसमें यह दावा किया गया है कि उक्त 8.46 एकड़ भूमि मूल मालिकों के पास ही है. इस जमीन पर कभी भी हेमंत सोरेन का कब्जा नहीं था. तत्कालीन सीओ ने 29 जनवरी को इस जमीन से संबंधित पंजी-2 में सुधार किया था. एसआए कार्यालय के आदेश पर पंजी-2 में सुधार किया गया था.
10 घंटे राज्यसभा सांसद से इडी ने की पूछताछ
राज्यसभा सांसद धीरज साहू से शनिवार को ईडी पूछताछ की. करीब 10 घंटे तक चली पूछताछ के बाद धीरज साहू इडी कार्यालय से निकले. इडी ने आय के स्रोत, परिजनों सहित कई अन्य जानकारी ली. हेमंत सोरेन के दिल्ली आवास से बरामद बीएमडब्लू कार से धीरज साहू के कनेक्शन की जानकारी मिली थी. इसके बाद इडी ने सांसद धीरज साहू को समन भेजा था. समन पर सांसद शनिवार को ईडी कार्यालय पहुंचे. इस दौरान ईडी ने कई सवाल किये हालांकि धीरज साहू के जवाबों से अधिकारी सहमत नहीं थे. जानकारी के अनुसार धीरज साहू से इडी फिर से पूछताछ कर सकती है.