धनबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक मार्च को धनबाद पहुंच रहे हैं। वह सिंदरी स्थित हिंदुस्तान उर्वरक और रसायन लिमिटेड यानी हर्ल कारखाने का उद्घाटन करेंगे। इसकी तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है। बुधवार को हर्ल के निदेशक एसपी मोहंती ने कंपनी के प्रशासनिक हॉल में प्रेस वार्ता कर उद्घाटन और कारखाने के उत्पादन से जुड़ी जानकारी दी।

हर्ल के निदेशक ने कहा कि बड़ी हर्ष की बात है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 मई 2018 को जिस कारखाने की शिलान्यास किया उसी कारखाने का वह एक मार्च को उद्घाटन करने यहां आ रहे है, जिसकी तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है। उन्होंने बताया कि सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से भी एसपीजी के दिशानिर्देश पर तैयारियां लगभग समापन की ओर है और अब बस उस क्षण का इंतजार है जब देश के प्रधानमंत्री इस कारखाने का उद्घाटन करंगे।

उन्होंने सिंदरी हर्ल के द्वारा की जा रही प्रोडक्शन के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस फरवरी माह में सिंदरी हर्ल कारखाने से कुल सात लाख मीट्रिक टन अमोनिया और 11.91 लाख मीट्रिक टन यूरिया का उत्पादन किया गया है, जो आने वाले समय मे और बढ़ने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि यहां से निकलने वाले उत्पाद अभी झारखंड के साथ साथ बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिसा, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ भेजा जा रहा है।

उन्होंने कहा कि आने वाले महीनों में इस फैक्ट्री से सल्फर कोटेड यूरिया जिसे हम यूरिया गोल्ड भी कहते है उसका भी उत्पादन किया जाएगा। इसके अलावा और भी कई तरह के केमिकल बेस यूरिया का उत्पादन यहां से किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यहाँ से निकलने वाले यूरिया की क्वालिटी काफी बेहतर है। जिससे किसानों को अपने खेतों में यूरिया छिड़काव में काफी सहूलियत होगी।

निदेशक एसपी मोहंती ने बताया कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो कहा था वो अब जल्द ही पूरा होने जा रहा है। दरअसल भारत वर्ष 2025 तक यूरिया के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने जा रहा है। उन्होंने बताया कि देश मे यूरिया की कमी को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री के निर्देश पर देश में पांच कारखाने खोले गए है। जिसमे गोरखपुर, बरौनी, सिंदरी, रामाकुंडा और तालचर जो जल्द ही शुरू होने वाला है, शामिल है। उन्होंने कहा कि इन कारखानों से देश को करीब 65 लाख टन आतंरिक यूरिया मिलने लगेगा।

उन्होंने बताया कि सिंदरी में हर्ल के खुलने से आसपास के लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी मिलेंगे। साथ ही साह आने वाले वर्षों में हर्ल सीएसआर फंड के जरिये आसपास के क्षत्रों को और विकसित करेगा।

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