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नई दिल्ली। केन्द्र सरकार के आयुष्मान भारत डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (एबीडीएम) के तहत देश में 73.90 करोड़ से अधिक आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाते बनाए गए हैं। शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने लोकसभा में एक लिखित प्रश्‍न के उत्तर में यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य तंत्र बनाने के उद्देश्य से आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) शुरू किया है, जिसमें नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाते (एबीएचए) बनाए जाते हैं, जो कार्डधारक की 14 अंकों की विशिष्ट स्वास्थ्य पहचान (इसे पहले स्वास्थ्य आईडी के रूप में जाना जाता था) संख्‍या है। 3 फरवरी 2025 तक कुल 73,90,93,095 एबीएचए आईडी बनाए जा चुके हैं।

प्रतापराव जाधव ने जानकारी दी कि
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने देशभर में पात्र लाभार्थियों के बीच इस योजना के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। योजना के तहत लाभार्थियों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए एक व्यापक मीडिया और पहुंच संबंधी रणनीति का पालन किया गया है। योजना के बारे में जानकारी प्रसारित करने के लिए आईईसी (सूचना, शिक्षा और संचार) गतिविधियों में आउटडोर मीडिया, विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर टिकट काउंटरों पर डिजिटल डिस्प्ले, प्रमुख बस स्टेशनों, यात्री ट्रेनों में घोषणाएं, ब्रांडिंग, राष्ट्रीय और क्षेत्रीय प्रेस कवरेज, प्रिंट मीडिया में ऑप-एड और विज्ञापन, रेडियो अभियान, दूरदर्शन के माध्यम से लाभार्थियों के अनुभवों का प्रसारण, एसएमएस के माध्यम से जन संदेश, पारंपरिक मीडिया आदि का सहारा लिया गया शामिल है।

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