रांची। झारखंड सरकार की मंईयां सम्मान योजना, जो राज्य में पिछली विधानसभा चुनावों के दौरान सरकार के लिए संजीवनी साबित हुई थी, अब विपक्षी दलों के लिए एक बड़ा मुद्दा बन गई है। खासकर भाजपा, जो सरकार पर निशाना साध रही है, इस योजना के लाभार्थियों को जनवरी महीने की किस्त का अब तक भुगतान न होने के कारण सरकार की आलोचना कर रही है।
जनवरी किस्त का भुगतान न होना
मंईयां सम्मान योजना के तहत सरकार द्वारा लाभार्थियों के खातों में हर महीने 2,500 रुपये ट्रांसफर किए जाने का प्रावधान है। योजना की शुरुआत अगस्त 2024 में हुई थी, जब अगस्त से नवंबर तक 1,000 रुपये की किस्तें ट्रांसफर की गई थीं। चुनावी वादे के तहत सरकार ने दिसंबर से इस राशि को बढ़ाकर 2,500 रुपये करने का एलान किया था, जिसे 6 जनवरी को पूरा किया गया था। इसके बाद से, हालांकि, जनवरी की किस्त का भुगतान अब तक नहीं हुआ है, और फरवरी महीने की भी डेडलाइन समाप्त होने को है।
भाजपा ने सरकार को दिया अल्टीमेटम
मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने इस मुद्दे को लेकर हेमंत सोरेन सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि 11 फरवरी तक मंईयां सम्मान योजना की राशि हर लाभार्थी के खाते में ट्रांसफर होनी चाहिए थी, लेकिन सरकार अब तक जनवरी माह की किस्त का भी भुगतान नहीं कर पाई है। मरांडी ने सरकार की विभिन्न घोषणाओं को भी सवालों के घेरे में लिया, जैसे कि झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) के अध्यक्ष की नियुक्ति, बुजुर्गों और विधवाओं की पेंशन का लंबित रहना, और आदिवासी परिवारों को राशन न मिल पाना। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर सरकार जल्द ही इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाती, तो भाजपा राज्यव्यापी आंदोलन करेगी।
जबकि भाजपा सरकार पर लगातार हमलावर है, सरकार की तरफ से फिलहाल इस मुद्दे पर कोई ठोस बयान नहीं आया है। सूत्रों के अनुसार, मंईयां सम्मान योजना की किस्तों में देरी का कारण लाभार्थियों की सूची में सुधार करना है। भौतिक सत्यापन के दौरान कई अयोग्य लाभार्थियों के नाम सामने आ रहे हैं, जिनकी वजह से भुगतान में देरी हो रही है। महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के अधिकारियों से संपर्क करने पर इस विलंब के बारे में कोई भी स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है।
लाभार्थियों की नाराजगी
मंईयां सम्मान योजना के तहत बड़ी संख्या में महिलाओं को आर्थिक मदद मिलने की उम्मीद थी, लेकिन किस्तों में हो रही देरी ने उन्हें नाराज कर दिया है। लाभार्थियों का कहना है कि उन्हें सरकार द्वारा दी गई समयसीमा के अनुसार राशि मिलनी चाहिए थी, लेकिन अब तक कोई ठोस जवाब नहीं मिला है।