कोलंबो। श्रीलंका में नोरोचोलाई पावर प्लांट के ठप पड़ जाने से बिजली संकट गहरा गया है। द्वीप के कई जिलों में कम से कम शुक्रवार तक शॉर्ट पावर कट लगाए जाने की आशंका है। नोरोचोलाई पावर प्लांट की अभी पूरी तरह मरम्मत नहीं हो सकी है। इसके बाद उसे मुख्य ग्रिड से जोड़ा जाएगा। इस बीच कोयला बिजली संयंत्र को भी जल्द से जल्द ठीक करने के प्रयास जारी हैं। इस पूरी कवायद में एक हफ्ते तक का समय लग सकता है।

डेली मिरर ने सरकारी स्वामित्व वाले बिजली उत्पादक और आपूर्तिकर्ता सीलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड (सीईबी) के सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। रविवार से देश को बिजली की कमी का सामना करना पड़ रहा है। सवा दो करोड़ आबादी वाले देश के कई जिलों में बिजली कटौती की जा रही है। ऊर्जा मंत्रालय ने रविवार को हुए देशव्यापी ब्लैक आउट को गंभीरता से लिया है। मंत्रालय ने इसकी जांच का आदेश दिया है।

श्रीलंका के बिजली और ऊर्जामंत्री कुमारा जयकोडी ने ब्लैकआउट के लिए एक बंदर को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि यह बंदर पनादुरा पावर स्टेशन में ट्रांसमिशन लाइन से टकरा गया था। बंदर का शव कल सुबह साइट के पास मिला है। हालांकि, इंजीनियरों ने कहा है कि नेशनल ग्रिड को तत्काल अपडेट करने की आवश्यकता है। सरकार ब्लैकआउट के बाद अल्पकालिक और दीर्घकालिक समाधान पर बोर्ड अधिकारियों से विचार-विमर्श कर रही है।

विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि पूरे सिस्टम को अधिक तापीय संयंत्रों और जलविद्युत संयंत्रों और एक मजबूत ग्रिड के साथ उन्नत करने के लिए तत्काल कदम नहीं उठाए गए तो देशव्यापी कटौती करनी पड़ेगी। इससे पूरा देश अंधेरे में डूब जाएगा। इस बीच सीलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड के अध्यक्ष तिलक सियाम्बलपतिया ने आश्वासन दिया कि बिजली बहाल करने के समुचित प्रबंध किए जा रहे हैं। इस बीच राष्ट्रीय जल आपूर्ति और जल निकासी बोर्ड ने जनता से बिजली पूरी तरह से बहाल होने तक पानी बचाने की अपील की है। श्रीलंका के लोगों को 2022 की गर्मियों में कई महीनों तक बिजली कटौती का सामना करना पड़ा था।

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