धनबाद। गिरिडीह, धनबाद, बोकारो और हजारीबाग आसपास के 48 मजदूर एक बार फिर मलेशिया में फंस गये हैं। इनमें तीन मजदूर बगोदर प्रखंड के हैं, जबकि शेष आसपास के प्रखंडों विष्णुगढ़, डुमरी, बरकट्ठा, गोमिया, सरिया के हैं। मजदूरों को वहां रहने एवं खाने-पीने में भी परेशानी हो रही है। मजदूरों ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी परेशानियों से लोगों को अवगत कराते हुए वतन वापसी की इच्छा जतायी है।
2018 में गये थे मलेशिया
सभी मजदूर जून 2018 में मलेशिया गये थे। वहां केइसी इंटरनेशनल कंपनी में मजदूरी करते थे। मजदूरों ने बताया कि चेन्नई के एजेंट द्वारा उन्हें मलेशिया ले जाया गया था। लेकिन अब एजेंट भी समस्याओं के निदान के प्रति गंभीर नहीं हैं। कहा है कि पिछले दो महीने से मजदूरों की मजदूरी बकाया है। मलेशिया में फंसे बगोदर के मजदूरों में सुनील साव, अजीत राणा और संतोष महतो शामिल हैं।
वतन वापसी की लगायी गुहार
सभी 48 मजदूरों ने मलेशिया से प्रवासी ग्रुप के माध्यम से वतन वापसी की गुहार लगायी है। इसके अलावा भारत सरकार और झारखंड के मुख्यमंत्री के नाम त्राहिमाम संदेश भेजा है। बता दें, कि यह कोई पहला मौका नहीं है, जब दलालों के चक्कर में पड़कर गरीब तबके के लोग विदेशों में फंसे हैं। इससे पूर्व भी ऐसे कई मामले सामने आए हैं। ब्रोकर ने इन मजदूरों को ज्यादा पैसे कमाने का लालच देकर मलेशिया पहुंचा दिया है, जहां दो महीने से वेतन नहीं मिलने से सभी अपने को मजदूर खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। वापसी की गुहार लगायी है। मजदूरों ने विरोध स्वरूप काम भी बंद कर दिया है।