रांची। लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों के चयन को लेकर शुक्रवार को प्रदेश भाजपा चुनाव समिति और कोर कमिटी की बैठक हुई। बैठक में संभावित प्रत्याशियों के नामों पर चर्चा हुई। संभावना है कि भाजपा 18 या 19 मार्च को झारखंड की लोस सीटों के प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर देगी। शुक्रवार को बैठक में जिन नामों पर विचार हुआ, प्रदेश चुनाव समिति उनकी सूची राष्ट्रीय नेतृत्व को भेज देगी। जानकारी के अनुसार शनिवार को दिल्ली में संसदीय बोर्ड की बैठक होनेवाली है, जिसमें यहां से भेजे गये नामों पर विचार होगा। इस बीच भाजपा के संभावित प्रत्याशियों के दिल की धडकनें तेज हो गयी हैं।

हालांकि प्रदेश चुनाव समिति की तरफ से किस लोकसभा क्षेत्र से किनका नाम भेजा गया है, यह तो मुख्यमंत्री रघुवर दास, प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ और प्रदेश संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह के दिल में ही रहेगा। जानकारी के अनुसार प्रदेश चुनाव समिति ने हर लोकसभा क्षेत्र के लिए तीन-तीन नामों की अनुशंसा केंद्रीय नेतृत्व से की है। बैठक के बाद प्रदेश महामंत्री दीपक प्रकाश ने बताया कि प्रत्याशियों की सूची तैयार कर ली गयी है। इस पर निर्णय के लिए चुनाव समिति ने मुख्यमंत्री रघुवर दास, प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ और प्रदेश संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह को अधिकृत कर दिया है। यह पूछे जाने पर कि किस लोकसभा से कितने लोगों ने आवेदन दिया है, उन्होंने कहा कि समय आयेगा, तो सब पता चाल जायेगा।

हर लोकसभा से हैं दर्जनों आवेदक
टिकट को लेकर सबसे ज्यादा मारामारी भाजपा में ही है। हर लोकसभा क्षेत्र से दर्जनों नेताओं ने प्रदेश नेतृत्व को आवेदन दे रखा है। कई ऐसे नेता हैं, जिन्होंने एक साथ दो-दो लोकसभा क्षेत्र के लिए आवेदन दिया है। चतरा के सांसद ने धनबाद के लिए भी आवेदन दिया है। राज्य सरकार के कई मंत्री भी टिकट की दावेदारी किये हुए हैं। इनमें मंत्री लुइस मरांडी, सीपी सिंह, सरयू राय, राज पलिवार, नीलकंठ सिंह मुंडा शामिल हैं। इसी तरह कई विधायक भी हैं, जो सांसद का चुनाव लड़ने की आस लगाये हुए हैं।

हजारीबाग के विधायक मनीष जयसवाल, धनबाद के विधायक राज सिन्हा, बाघमारा के विधायक ढुल्लू महतो, बोकारो विधायक बिरंची नारायण, गुमला विधायक शिवशंकर उरांव का नाम इसमें शुमार है। पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के नाम पर भी चुनाव समिति में विचार किया गया। अर्जुन मुंडा खूंटी या जमशेदपुर से चुनाव लड़ना चाहते हैं। बता दें कि अगर किन्हीं कारणों से कद्दावर नेता कड़िया मुंडा को खूंटी लोकसभा सीट से टिकट नहीं मिलता है, तभी खूंटी में किसी नाम पर विचार होगा।

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